1984 से लेकर 2018 जातिगत हिंसा, कांग्रेस का लम्बा इतिहास
सन 84 में हिन्दुओं ने सिक्खों का मारा न गुजरात मे यूपी बिहार के लोगो को गुजरातीयो ने मारा 84 में भी कांग्रेसियो ने मारा और अब यूपी बिहार के लोगो को भी गुजरात मे कांग्रेसी ही मार रहे है गुजरात चुनाव के समय कांग्रेस ने जातिवाद का कार्ड खेला जिसमे सफल नही हो पायी और मुंह की खानी पडी अब जो यूपी बिहार के लोगो के साथ मारपीट एक साजिश 2019 के लोकसभा के चुनावो के लिये रची जा रही है वो भी सिर्फ एक बनारस की सीट को ध्यान मे रखकर कि इस मारपीट का सीधा असर नरेन्द्र मोदी की सीट पर पडे और उनको बनारस से जीतने से इस आधार पर रोका जाये कि गुजरात मे हमारे लोगो को मारा पीटा गया तो हम एक गुजराती को वोट क्यो दे? इस सब साजिश को अंजाम देने की जिम्मेदारी एक जातिवादी नेता नही गुंडे अल्पेश ठाकोर को दी और उसने अपनी ठाकोर सेना को अपने भाषणो से उकसाया और ठाकोर सेना ने इस साजिश को अंजाम दिया जबकि यही अल्पेश ठाकोर बिहार कांग्रेस का पर्यवेक्षक है जब वो बिहार जायेगा तो उसके साथ भी ऐसी घटना घट सकती है जैसा कि आज बिहार की जनता ने बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष पर हमला करके किया !
भारतीय संविधान हर नागरिक को स्वतंत्रता से देश के किसी भी हिस्से मे रहने और व्यापार करने की आजादी देता है लेकिन कांग्रेस एक सीट के लिये संविधान को ताक पर रखकर ऐसी साजिश करेगी शायद ही देश के किसी नागरिक ने ऐसा सोचा होगा ! क्या कांग्रेस ने कभी ये सोचा कि गुजराती भी देश के विभिन्न राज्यो मे रहकर व्यवसाय कर रहे है उनकी सुरक्षा खतरे मे तो नही आ जायेगी उसकी इस साजिश से? इस तरह की घटना पहले राज ठाकरे की पार्टी करती थी उसका अंजाम सबके सामने है सिर्फ नाम की पार्टी रह गयी है, क्या कांग्रेस उसी दिशा मे जा रही है ? विचारणीय बिषय है कांग्रेस के अलावा गैर कांग्रेसी दलो को भी मंथन करना होगा
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!