हुडा द्वारा 2019 चुनावों के लिए घोषणापत्र कि रूप रेखा तैयार
चण्डीगढ़ 09 अक्तुबर 2018
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि 2019 में लोकसभा के चुनाव के घोषणा पत्र में कृषि, किसान और कृषि मजदूरों के हितों में नई योजना और उनकी समस्याओं के लिए स्थाई हल निकालने के लिए श्री राहुल गांधी जी ने मुझे यह जिम्मेवारी दी है। इसलिए हमने पंजाब, हरियाणा व उत्तरप्रदेश के किसानों के साथ मिलकर उनसे सुझाव लेने का कार्यक्रम बनाया है। इसी सिलसिले में आज यह मीटिंग हुई, जिसमें पंजाब व हरियाणा के सैकड़ों किसान प्रतिनिधियों ने कई अच्छे सुझाव दिये हैं। मीटिंग में किसानों की दुर्दशा और उनके द्वारा की जा रही आत्महत्याओं पर चिंता व्यक्त की गई। इसके लिए मौजूदा भाजपा सरकारों को जिम्मेवार ठहराया गया। मीटिंग में दोनों प्रदेशों की किसान यूनियनों व एसोसियेशनों और कृषि से जुड़े व्यवसायों के प्रतिनिधी व प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया।
हुड्डा ने कहा कि किसान प्रतिनिधियों ने निम्न महत्वपूर्ण सुझाव भी दिये और आग्रह किया कि ये सुझाव कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र में शामिल किये जायें:-
1. सम्पूर्ण कर्जा माफी
2. सभी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित की जाये। यूनतम समर्थन मूल्य स्वामीनाथन रिपोर्ट (सी 2 फार्मुला) से निर्धारित किया जाए और किसान की पूरी फसल खरीदी जाए।
3. पराली की समस्या के समाधान के लिए आर्थिक सहायता या विशेष उपकरणों का प्रावधान किया जाए।
4. आवारा पशुओं की समस्या का निदान किया जाए।
5. खाद, कृषि उपकरण, कीटनाशक दवा और ट्रैक्टर के स्पेयर पार्टस को जीएसटी के दायरे से बाहर किया जाये तथा पैट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाये।
6. सिंचाई सुविधायें बढ़ाई जायें – पुराने जलाश्यों का सुधार और विस्तार किया जाये।
वर्षा के पानी का संरक्षण किया जाये।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान प्रतिनिधियों ने यह सुझाव भी रखा कि किसानों को खेती के लिए बिजली व नहरी पानी मुफ्त मिले। जहां बिजली का बिल अदा करना पड़े, वहां के किसानों को एमएसपी पर विशेष बोनस मिले। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए प्राईवेट बीमा कम्पनियों की जगह सरकारी बीमा कम्पनियां हों और प्रीमियम की राशी केन्द्र व राज्य सरकार मिल कर भरें। फसल खराबे के समय गिरदावरी कृषि और राजस्व अधिकारी स्वयं मौके पर जाकर करें और मुआवजे के लिए एकड़ को ईकाई माना जाए। कुछ किसानों ने यह सुझाव भी दिया कि धान खरीद की तरह सरकार गन्ने की फसल को खरीदे और तत्पश्चात् गन्ना मिलों को सप्लाई करे।
हुड्डा ने कहा कि वे तथा घोषणा पत्र कमेटी के अन्य साथी देश के विभिन्न राज्यों में आठ जगह किसानों से सीधा संवाद करेंगे और उनके सुझाव मागेंगे। इस कड़ी में उनका अगला कार्यक्रम गांव जट्टारी (विधान सभा क्षेत्र खैर), जिला अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश) जाने का है। उन्होंने निराशा व्यक्त की कि प्रधानमंत्री किसानों के मसीहा सर छोटुराम की प्रतिमा का अनावरण करने आए पर किसानों के कल्याण के लिए कोई घोषणा करके नहीं गए और न ही भाजपा की प्रदेश सरकार ने किसानों की भलाई के लिए किसी नई योजना की घोषण की। इससे प्रदेश के किसानों को घोर निराशा हुई है।
इस अवसर पर पंजाब से इन्द्रजीत जीरा, प्रधान, किसान खेत मजदूर यूनियन, भारतीय किसान यूनियन के गुरनाम सिंह चढ़ूनी, स्वामी इन्द्र व दलविन्द्र सिंह मट्टु, भारतीय किसान यूनियन (अ), प्रह्लाद सिंह ,शमशेर सिंह दहिया, बीकेयू, करनाल, जयकंवर, सेवा सिंह आर्य व दलबीर सिंह जागलान बीकेयू, बबलजीत सिंह खियाला व बलकार सिंह भंगु, किसान खेत मजदूर यूनियन, भारतीय किसान यूनियन (धर्मपाल बाढ़ड़ा) व किसान संर्घष समिति (मीर सिंह जेवली), दादरी के प्रतिनिधी राजू मान, जसपाल सिंह, कमलजीत सिंह, जगरूप सिंह, सर्वजीत सिंह काका, देवेन्द्र सिंह व महेन्द्र सिंह झाम्बा, पंजाब किसान खेत मजदूर संगठन और प्रगतिशील किसान रमेश खरकड़ी ने अपने सुझाव रखे। एक्सपर्ट के तौर पर डॉ0 कृष्ण सिंह खोखर ने भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।
*******
Leave a Reply
Want to join the discussion?Feel free to contribute!