पंचकूला 4 अक्तूबर:
उपायुक्त मुकुल कुमार ने जिला के किसानों से आग्रह करते हुए कहा कि वे फसलों के नवीनतम कृृषि उपकरणों जैसे स्ट्राबेलर, रिपरबाईडर एवं स्ट्रा रीपर का समुचित उपयोग करें। इस प्रकार मल्चर एवं एमबी प्लों एवं रोटावेटर के प्रयोग से फसलों के अवशेष को मिट्टी में मिलाकर कंपोस्ट के रूप में प्रयोग करें।
उन्होंने कहा कि फसल अवशेष जलाने से सूक्ष्म पोषक तत्व नष्ट होते है और जमीन की उपजाऊ शक्ति कम होती है। नाईट्रोजन की कमी होने से उत्पादन कम होता है। इसके साथ साथ आस पास के खेतों में आग लगने का खतरा बना रहता है। वायु प्रदूषण बढऩे से लोगों में बीमारियों का खतरा भी पैदा होता है। उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण अधिनियम 2003 के तहत फसलों के बचे अवशेषों को जलाना प्रतिबंधित एवं दंडनीय अपराध है।
उपायुक्त ने कहा कि खेत में फसलों के फानों एवं अवशेषों को मिलाने से नाईट्रोजन की मात्रा बढ़ती है एवं कम खाद की जरूरत होती है। वायु प्रदूषण कम होने से वातावरण शुद्ध होता है। उन्होंने बताया कि स्ट्रा बेलर द्वारा बनाए गए अवशेषों के ग_े, बायोगैस पॉवर जनरेशन प्लांट को बेचकर किसान आमदनी में वृद्धि करें। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि वे आने वाली धान की फसल के बचे हुए फाने, अवशेष व ठूठ को खेत में न जलाए। इसके लिए सरकार की ओर से कृषि विभाग के माध्यम से विकल्प तैयार सुझाये गये है कि वे कृषि उपकरणों का प्रयोग कर जमीन को उपजाऊ बनाये।