हरियाणा के कालेजों व यूनिवर्सिटी में 15 अक्तूबर से पहले होंगे चुनाव- राम बिलास शर्मा


तत्कालीन सीएम चौधरी बंसीलाल ने 1996 में छात्र संघ चुनाव पर रोक लगाई थी


 प्रदेश के काॅलेजों और विश्वविद्यालयों में 22 साल बाद छात्रसंघ के चुनाव सितंबर के आखिरी या अक्टूबर के पहले सप्ताह में हो सकते हैं। चुनाव की तारीखों का ऐलान एक सप्ताह के अंदर कर दिया जाएगा। यह आश्वासन सीएम मनोहर लाल ने मंगलवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के प्रतिनिधिमंडल को दिया है। एबीवीपी सीएम से मांग की है कि छात्रसंघ चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली के आधार पर कराए जाने चाहिए। इसके बाद सीएम ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग कर सभी जिलों के डीसी व एसपी को आदेश दिए कि वे चुनावों को लेकर पूरी तैयारी रखें, ताकि छात्रसंघ चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से कराए जा सकें।

कॉलेजों में 20% सीटें भी बढ़ें- एबीवीपी: एबीवीपी के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. राजेंद्र धीमान ने कहा कि प्रदेश में काफी संख्या में बेटियों को कॉलेजों में एडमिशन नहीं मिल रहा है। ऐसे में 20 फीसदी तक सीटें बढ़ाए जाने की जरूरत है। सीएम ने आश्वासन दिया है कि सीटें बढ़ाने पर विचार किया जाएगा।

5 तक तारीख घोषित करे सरकार- इनसो: इंडियन नेशनल स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन (इनसो) के अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला ने कहा, ‘5 अगस्त तक चुनाव की घोषणा न होने पर इनसो ने आंदोलन की चेतावनी दे रखी है। सरकार ने एबीवीपी के प्रतिनिधियों को बुलाकर पुरानी बात दोहरा दी। हम 5 अगस्त तक चुनाव की तारीख चाहते हैं। चुनाव डायरेक्ट होने चाहिए। सरकार ने छात्रसंघ चुनाव के लिए न बजट जारी किया, न यूनिवर्सिटी के कैलेंडर में शामिल किया है।’

सरकार के फैसले का स्वागत- एनएसयूआई: एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा ने कहा, ‘सरकार छात्रसंघ चुनाव कराती है तो हम इसका स्वागत करते हैं। सरकार जल्द ही नोटिफिकेशन जारी करे। यूनिवर्सिटी के कैलेंडर में इसे शामिल कराए। चुनाव डायरेक्टर ही कराए जाएं।’

1996 में बंसीलाल ने लगाई थी रोक: हरियाणा विकास पार्टी और भाजपा की गठबंधन सरकार में तत्कालीन सीएम चौधरी बंसीलाल ने 1996 में छात्र संघ चुनाव पर रोक लगाई थी। इसके बाद से स्टूडेंट्स की ओर से चुनाव की मांग की जाती रही। 22 साल में भाजपा-इनेलो गठबंधन के बाद 10 साल तक कांग्रेस की सरकार रही, पर चुनाव बहाल नहीं हो सके। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने छात्रसंघ चुनाव का वादा किया था।

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