“महिला अधिकार सम्मलेन” आगाज़ तो बुरा है अंजाम ख़ुदा जाने
कमल कलसी, पंचकूला:
कांग्रेस की हरियाणा महिला अधिकार यात्रा का आगाज आज पंचकूला से हुआ और इस कार्यक्रम में हरियाणा कांग्रेस के कई बड़े नेताओ ने आना था, जहां कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता, महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुष्मिता देव, पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल सहित कई नेता शामिल हुए वहीँ पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर हुड्डा, सांसद दीपेंद्र हुडा ओर कुमारी शैलजा, किरण चौधरी इस रैली में गैरहाजिर रहे। इन नेताओं की गैरहाजरी ने एक बार फिर कांग्रस की गुटबाजी सामने ला दी है।
कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रदेश में महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचारों के लिए मुख्यमंत्री मनोहरलाल को जिम्मेवार ठहराया। सुरजेवाला ने कहाकि कांग्रेस द्वारा नारी सुरक्षा की भावना लेकर जनजागरण अभियान चलाया है,जिसमे महिलाओं के अधिकारों के बारे में बताया जाएगा।
मीडिया द्वारा कांग्रेस की गुटबाजी पर पूछे सवाल पर बोले सुरजेवाला—“पूरी कांग्रेस एक, आप बन्द करें अपनी अटकलें”
कांग्रेस महिला राष्ट्रीय अध्यक्ष सुष्मिता देव ने कांग्रेस की महिला अधिकार यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रथयात्रा को रवाना किया। उन्होंने कहा कि यह यात्रा पूरे हरियाणा में जाएगी । उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश की महिलाओं से जो वायदा किया था, हर उस वायदे को मोदी जी ने, तोड़ा है, हरियाणा में तो आज इतना बदहाल हैं कि 8 घण्टे में प्रदेश में एक बेटी का बलात्कार व कत्ल होता है, इन सभी मुद्दों को लेकर आज हम प्रदेश की जनता के बीच जाएंगे, यात्रा का लक्ष्य है जनता के बीच जाकर उनसे यह जानना की कांग्रेस से वे क्या अपेक्षा रखते हैं, इनकी अपेक्षा को राहुल गांधी तक पहुंचाया जाएगा, और राहुल गांधी महिलाओं की अपेक्षा को जरूर पूरा करेंगे, सुष्मिता देव ने बताया कि आज इस सम्मेलन में सेन्टर की कांग्रेस की मैनिफेस्टो कमेटी बैठी है, जिसके अध्यक्ष चिदम्बरम हैं.
गुटबाजी पर पूछे सवाल पर बोली सुष्मिता देव ने कहा कि जो तमाम नेता इस सम्मेलन में नही पहुंचे, उन सबसे बात हुई है और वे यात्रा के दौरान किसी न किसी जिले में हमे जरूर ज्वाइन करेंगे, अशोक तंवर पर पूछे सवाल पर सुष्मिता देव ने कहाकि उन्ही की समर्थन की बदौलत आज ये कार्यकम का आयोजन हुआ है।
कोंग्रेस की हरियाणा महिला अधिकार यात्रा का आगाज आज पंचकूला से सुबह दस बजे होना था जो बड़े नेताओं के इंतजार में लेट होता रहा जिससे लोग परेसान होकर प्रोग्राम से बाहर जाते देखे गए, यात्रा को दस बजे पंचकूला से रवाना होना था जो लेट होते हुऐ लगभग 3 बजे रवाना हुई।
कुछ कार्यकर्ताओं ने लोगों को रोकने की कोशिश भी की ओर हाल के बाहर से दरवाजे बंद करके लोगो को रोकते नजर आए, अधिकार रैली की पंचकूला में हुई शुरुआत काफी निराशाजनक रही। रैली पूरी तरहत से फ्लॉप रही। रैली के आयोजकों की ओर से किये गये दावे के बावजूद न तो हरियाणा के दिग्गज नेता मंच पर एकजुट हुए और न ही दावे के मुताबिक भीड़ जुट पाई। अलबत्ता रथयात्रा को लेकर लोगों में उत्साह भी कम नजर आया और अंबाला में भीड़ काफी नजर आई। वहां से धीरे धीरे कुछ बड़े नेता भी साथ जुडऩे लगे।
हुआ यूं कि रविवार को हरियाणा महिला कांग्रेस की ओर से महिला अधिकार रैली का आयोजन किया गया था। कुछ दिन पहले तक इस रैली की आयोजक एवं हरियाणा महिला कांग्रेस की वरिष्ठ उपाध्यक्ष रंजीता मैहता की ओर से यह दावा किया गया था कि इस रैली में हरियाणा के लगभग सभी दिगगज एकमंच पर एक साथ नजर आएंगे। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड़ा, पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा, कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया इंचार्ज रणदीप सिंह सुरजेवाला, पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव, विधायक दल की नेता किरण चौधरी,सांसद दीपेंद्र हुड़ा,पूर्व शिक्षामंत्री गीता भुक्कल व अन्य के शामिल होने की बात कही गई थी। मगर इनमें से कुछ दिग्गज नेता नही पंहुचे। यही प्रचार जगह जगह कर भीड़ जुटाने का प्रयास किया जा रहा था।
मगर हकीकत में सभी दिगगज नेताओं के स्थानीय समर्थकों की पहले दिन से ही इस रैली से दूरी बनी रही। किसी ने भी इसमें कोई रुचि पहले दिन से ही नहीं ली। जानकार सूत्रों का कहना है कि विभिन्न नेताओं के समर्थकों ने अपने अपने आकाओं से पूछ लिया था कि उन्हें यहां क्या करना है। ऊपर से इशारा मिलते ही यहां के उनके समर्थक यहां की बजाये अंबाला व अन्य स्थानों की तैयारियों में जुट गये। कांग्रेस के एक स्थानीय नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस रैली से दूरी बनाना हर किसी की मजबूरी थी। उसकी वजह यह थी कि महिला कांग्रेस की वरिष्ठ उपाध्यक्ष रंजीता मैहता ने अपनी जरुरत के अनुसार नेताओं के प्रति अपनी निष्ठा को बदला। उसे जिसका पलड़ा जब जब भारी लगा वह उसके पीछे हो ली और पहले से दूरी बना ली। यानि कि उसकी वफादारियां उसकी अपनी जरुरत के अनुसार बदलती रही। पहले पहल वह दिवंगत विधायक डीके बसंल के पीछे चला करती थी। उसके बाद वह पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड़ा के खेमें के पीछे चलने लगी। फिर उसने मौका देखा तो रणदीप सिंह सुरजेवाला के गुट का दामन थाम लिया। बीच में कुमारी शैलजा की थोड़ी सी हवा चली तो वह उनके पीछे हो लीं। इस नेता ने यह भी कहा कि इतना ही नहीं रंजीता मैहता स्थानीय स्तर पर भी दूसरे नेताओं को अपने मुकाबले में कुछ नहीं समझती। इस लिए वे लोग भी इससे व इसके कार्यकर्मों से दूरी बनाकर रखते हैं। आज की इस रैली में भी स्थानीय नेताओं व उनके समर्थकों ने इसी वजह से अपनी दूरी बनाये रखी। देखा जाए तो इस नेता की बात में सच्चाई इसी बात से लगाई जा सकती है,क्योंकि अधिकांश स्थानीय नेता इस रैली से दूर रहे। कुछेक ने तो प्रदेशाध्यक्ष डा. अशोक तंवर, पूर्व मुख्यमंत्री की रैलियों के लिए जोर लगा रखा था।
रविवार को इंद्रधनुष में हुई इस रैली में आयोजकों के अनुमान से कहीं कम लोग आये। हालांकि शनिवार को ही हरियाणा महिला कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष सुमित्रा चौहान ने भी यह दावा किया था कि उनकी इस रैली में करीब ढाई हजार महिलाएं और करीब दो हजार पुरुष आएंगे,मगर यह हो न सका। संख्या हजारों की बजाये सैंकड़ों में ही सीमिट कर रह गई। हास्यस्पद स्थिति तब पैदा हो गई, जब कांग्रेस के राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला बोलने लगे तो हाल में से भीड़ उठ कर जानी शुरु हो गई। ऐसे में रणदीप सिंह सुरजेवाला ने अपना भाषण जल्दी ही समाप्त कर दिया। बाहर आकर इन लोगों ने बताया कि उनकी नारजगी रणदीप से नहीं महिला नेता से थी। वह रणदीप तक यह संदेश पहुंचाना चाहते थे कि यदि वह दोबारा इस महिला के कार्यक्रम में आंएगे तो भी उनका यही हश्र होगा। महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुष्मिता देव को सुनने वालों की संख्या तो और भी कम रह गई थी।
दूसरी ओर हाल के बाहर भोजन की कम व्यवस्था होने के चलते भी बड़ी अफरातफरी मची। लोग जलद ही खाना पाने के चक्कर में एक दूसरे पर चढ़ते और छीनाझपटी करते दिखे।
बहरहाल अंबाला पहुंची इस यात्रा का भव्य स्वागत किया गया। वहां कांग्रेस की महिला नेत्री व पूर्व मंत्री निर्मल सिंह की बेटी चित्रा सलवारा ने जमकर भीड़ जुटाते हुए अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया। वहां से सांसद दीपेंद्र हुड़ा भी उनके साथ जुड़ गये।
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