ब्राह्मण समाज कल्याण परिषद – अम्बाला के द्वारा भगवान परशुराम धर्मशाला के निर्माण कार्य का आरंभ

 

 

अम्बाला |

ब्राह्मण समाज कल्याण परिषद द्वारा न्यू प्रीत नगर स्थित सत्संग हाल के ऊपर भगवान परशुराम धर्मशाला के निर्माण कार्य का आरंभ किया गया। सर्व प्रथम सभा प्रधान घनश्याम शर्मा ने सभा के अन्य सदस्यों के साथ पूजा करवाई व ईंट रखी। धर्मशाला के लिए स्वास्थ्य एवं खेल मंत्री अनिल विज ने अपने स्वैच्छिक कोष से 20 लाख रुपए की राशि उपलब्ध करवाई है। सभा के सभी सदस्यों ने इसके लिए अनिल विज का धन्यवाद किया व आगे भी सहयोग की आशा जताई। मौके पर रमेश जोश वरिष्ठ उपप्रधान, डॉ. . नंद किशोर शर्मा महासचिव, राजिंदर शर्मा कोषाध्यक्ष, सूर्य कान्त भारद्वाज सहसचिव, प्रदीप जोशी, राजीव शर्मा, तिलक राज जोशी, उमेश व्यास एवं अन्य कई सदस्य उपस्थित रहेे।

ABVP made history in Kerela

 

ABVP scripts history in Kerala, wins all 30 seats in students council elections in all 3 colleges of Kasaragod District in Kerala!

• Nalanda College, Perla: 14/14 seats

• IHRD College, Kumble: 8/8 seats

• Govinda Pai College: 8/8 seats

एस्मा को तोड़ते हुए 5 सितम्बर को करेंगे चक्का जाम ।

फोटो केवल संदर्भ हेतु

चण्डीगढ़,3 सितम्बर:

हरियाणा रोड़वेज वर्कर्स यूनियन इंटक के राज्य प्रधान अनूप सहरावत व ज्वाईन्ट एक्शन कमेटी के वरिष्ठ सदस्य सहरावत ने ब्यान जारी करते हुए बताया कि सरकार की वादाखिलाफी, तानाशाही, हठधर्मिता,700 बसें निजी कम्पनियों से किलोमीटर स्किम के तहत हायर करने व एस्मा जैसे काले कानून के खिलाफ ज्वाईन्ट एक्शन कमेटी के आह्वान पर 5 सितम्बर को होने वाली राज्यव्यापी हड़ताल की तैयारी पूरी हो चुकी हैं तथा सभी संगठन व कर्मचारियों का पुरा समर्थन मिल रहा है। इसलिए एस्मा को तोड़ते हुए 5 सितम्बर को पुरे प्रदेश में पुर्ण रुप से चक्का जाम होगा जो अनिश्चितकालीन चलेगा।
नसीब जाखड़ प्रदेश प्रवक्ता व चण्डीगड़ डिपो के प्रधान प्रदीप बूरा ने बताया कि हड़ताल को शत-प्रतिशत सफल बनाने के लिए राज्य प्रधान हरिनारायण शर्मा, दलबीर किरमारा व अनुप सहरावत के नेतृत्व में ‌तीन जीप जत्थों का गठन किया गया था जिन्होंने प्रदेश के सभी डिपो व सब डिपुओं का ‌दौरा करके गेट मिटींगो के माध्यम से कर्मचारियों को हड़ताल करने के लिए तैयार किया है। सरकार की हठधर्मिता के खिलाफ कर्मचारियों में भारी गुस्सा है तथा कर्मचारी हड़ताल करने के लिए ‌पुर्ण रुप से तैयार हैं। उन्होंने बताया कि रोड़वेज कर्मचारी बिल्कुल भी हड़ताल पर जाने के हक में नहीं है लेकिन सरकार इनको जानबूझकर हड़ताल करने पर मजबूर कर रही है। सरकार एस्मा जैसे काले कानून लागू ‌करके रोड़वेज कर्मचारीयों की आवाज को दबाना चाहती है लेकिन ‌इससे‌ कर्मचारी डरने वाला नही है तथा किसी भी सूरत में आवाज को दबाया नही जा सकता। ऐसे काले कानुनों से आन्दोलन रुकने की‌ बजाय और ज्यादा ‌उग्ररुप धारण करेगा। हर समस्या का समाधान बातचीत से होता है लेकिन सरकार बातचीत करने की बजाय ‌दमनकारी नितियां अपना रही है। ज्वाईन्ट एक्शन कमेटी ने चेतावनी ‌देते‌ हुए कहा है कि ‌सरकार दमनकारी नितियां छोड़कर ‌बातचीत का रास्ता अपनाये तथा ‌समय रहते वार्ता ‌करके रोड़वेज कर्मचारियों की सभी समस्याओं का समाधान करें व किलोमीटर स्किम को वापिस ले वरना सरकार ने ‌इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।‌ रोड़वेज कर्मचारी किसी भी सूरत में ‌झुकने वाले नहीं हैं तथा यह आर-पार का व निर्णायक आन्दोलन होगा। इसलिए रोड़वेज कर्मचारी ‌एस्मा की परवाह न करते हुए तथा काले कानूनों की धज्जियां उड़ाते हुए 5 सितम्बर से ‌अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जायेगा। जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार व परिवहन अधिकारियों की होगी।

बारिश में धुला जन्माष्टमी महोत्सव

Image result for चंडीगढ़ चैतन्य गोड़िया मठ

सेक्टर 20 जन्माष्टमी महोत्सव की पुरानी फोटो

चंडीगढ़,

3 सितंबर,2018:

भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिवस जन्माष्टमी पर सिटी ब्यूटिफुल में सोमवार को खूब चहल पहल देखने को मिली। सेक्टर 20 मठ मंदिर व सेक्टर 36 के इस्कोन मंदिर में लाखों कि संख्या में श्रद्धालु उमड़े व झाकियों का आनंद लिया। रंग बिरंगे फूलों से सजे बाल कृष्णा के झूले को झूलाने के लिए भी लोगों में होड़ दिखाई दी।

बरसात कि वजह से सेक्टर 20 में लगने वाला जन्माष्टमी मेले मे मंदी देखने को मिली , जिसकी वजह से छोटे व्यापारियों को मायूसी हुई । कफी देर तक खुले में दुकान होने कि वजह से वह अपनी दुकान नही खोल पाए। हालाकि शाम होते-होते बाजार मे दुबारा भीड़ एकत्रित होने लगी। बारिश होने के बादजूद लोगों का आना जाना लगा रहा।

श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और बारिश कि वजह से सेक्टर 36 इसकॉन मंदिर के बाहर जाम कि स्थिति उतपन्न हो गई, पुलिस हालांकि इसे खोलने के निरंतर प्रयास करती हुई दिखाई दी। बारिश कि वजह से पार्किंग वाले इलाके में कीचड़ भर गया जिस वजह से श्रद्धालुओं को अपने वाहन सड़क पर ही खड़ा करना पड़ा जिसकी वजह से जाम कि स्थिति उतपन्न हो गई।

आज का राशिफल

🌹आज का राशिफल🌹

 

टिप्स फॉर 03-09-2018 सोमवार हमारी हर टिप्स ज्यादा से ज्यादा शेयर करे सबका मंगल हो

*आज सर्वार्थ योग – अमृत सिद्धि योग – हर्षण योग – रोहिणी व्रत – वर्धमाना योग – अनंदा योग – तिथि कृष्ण अष्ठमी और रोहिणी नक्षत्र…

आज के योग के अनुसार आज दूध से शिवलिंग पर अभिषेक करे और पुराणोक्त रुद्राभिषेक का पाठ करे

आज का मंत्र लेखन – आज ॐ चंद्र्मसे नमः यह मंत्र २१ बार लिख ( हो शके तो 108 बार लिखे )

आज क्या करे – ट्रेडिंग और फाय्नान्सियल डीलिंग के लिए शुभ, हीलिंग और सेल्फ इम्प्रूवमेंट के लिए भी शुभ, आज कन्स्ट्रशन की शुरुआत के लिए भी शुभ, रोमेंस भी कर शकते हे, नए वस्त्र धारण करना भी शुभ….

आज कहा जाना शुभ रहेगा – आज अपनी खुद की माँ को किसी तीर्थ स्थान की यात्रा करवाना शुभ रहेगा …

आज सुबह 7 30 बजे से 10 बजे के बिच कोई भी शुभ कार्य ना करे

भोजन उपाय – आज भी उपवास करे और भोजन में फलाहार करे यह उत्तम रहेगा

दान पुण्य उपाय – आज दूध का दान श्रेष्ठ रहेगा

वस्त्र उपाय – आज सफ़ेद चमकीले वस्त्र धारण करे परन्तु काले वस्त्रो से परहेज करे

वास्तु उपाय – आज शाम घर में गुगुल और कपूर का धुप जरुर करे

सावधानी रक्खे – आज के ग्रहों के अनुसार आज जिन्हें मानसिक रोग की शिकायत ज्यादा रहती हे या फिर इससे जुडी कोई भी परेशानी ज्यादा रहती या ऐसी कोई भी समस्या से पीड़ित है वो आज अपने व्यवहार में एवं तामसी खान पान में सावधानी बरतें और ध्यान जरुर करे

🌷 0३ सितम्बर जिनका जन्म दिन हे* और जिनकी शादी की सालगिरह हे वो आज किसी जरुरत मंद व्यक्ति क वस्त्र भेट करे

मेष:
आज धन खर्च का विशेष योग है, थोड़ा ध्‍यान से खर्च करें। धन संबंधी एवं लेन-देन संबंधी सभी कार्यों में सावधानी रखने की जरूरत है। किसी के साथ विवाद न हो, इसका ध्यान रखें। मित्रों एवं परिजनों के साथ मनमुटाव होने और स्‍वास्‍थ्‍य बिगड़ने की आशंका है।

वृषभ:
आज का दिन शुभ फलदायी है। आपकी रचनात्मक ओर कलात्मक शक्तियों में वृद्धि होगी। मानसिक सुकून मिलेगा। परिवार के प्रति जिम्‍मेदारियां अच्छी तरह से निभाएंगे। आभूषण, सौंदर्य प्रसाधन और मनोरंजन के पीछे खर्च होगा। परिवार के साथ आनंदपूर्वक समय बीतेगा। आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी।

मिथुन:
आज का दिन कष्टदायी हो सकता है। परिजनों एवं संतान से अनबन हो सकती है। उग्रता एवं आवेग को अंकुश में रखें ताकि बात बिगड़े नहीं। स्वास्थ्य बिगड़ सकता है, विशेषकर आंखों में पीड़ा हो सकती है। दुर्घटना एवं आकस्मिक खर्च के लिए तैयार रहें। भाषा एवं व्यवहार में मृदुता कायम रखें।Astrologer Dr Narayan Chandigarh +919215574748

कर्क:
आज का दिन आपके लिए बहुत लाभकारी है। आपकी आय में वृद्धि होगी। अन्य तरीके से भी आर्थिक लाभ होगा। मित्रों के साथ भेंट होगी। स्त्री मित्रों से विशेष लाभ मिलेगा। व्यापार में लाभ होगा। संतान और जीवनसाथी से सुख मिलेगा। विवाह के योग हैं। मित्रों के साथ घूमने-फिरने का प्‍लान बना सकते हैं।

सिंह:
आप के व्यवसाय हेतु आज का दिन बहुत अच्छा एवं श्रेष्ठ है। आज हर काम सफलतापूर्वक संपन्न होगा। उच्च पदाधिकारियों की आप पर कृपा रहेगी। पिता की ओर से लाभ के संकेत है। सरकारी कार्यों में लाभ मिलेगा। आरोग्य अच्छा रहेगा। जमीन, मकान एवं संपत्ति के सौदे सफल रहेंगे।

कन्या:
आज आपका दिन अच्छा है। सगे-संबंधी के साथ प्रवास का आयोजन हो सकता है। स्त्री मित्रों से लाभ संभव है। धार्मिक कार्य तथा धार्मिक यात्रा में व्यस्त रहेंगे। विदेश में रहने वाले रिश्‍तेदारों से कोई अच्‍छा समाचार मिल सकता है। आर्थिक लाभ का दिन है।

तुला:
आज भाषा और व्यवहार पर संयम रखें। द्वेष से दूर रहें और शत्रुओं से सावधान। तबियत का ध्यान रखें। आध्यात्मिक सिद्धि प्राप्त करने के लिए अच्छा समय है। संभवतः पानी और स्त्री से दूर रहें। गहन चिंतन के द्वारा मन की शांति प्राप्त कर पाएंगे।

वृश्चिक:
आज आपका दिन कुछ भिन्न तरीके से बीतेगा। स्वयं के लिए आप समय निकाल पाएंगे। मित्रों के साथ घूमना-फिरना, मौज-मस्ती, मनोरंजन, छोटे पर्यटन तथा भोजन और वस्त्र-परिधान इत्यादि से आप बहुत आनंदित रहेंगे। मान-सम्मान में वृद्धि होगी और सम्‍मान मिलेगा। वाहन सुख प्राप्त होगा। प्रियजन से मुलाकात से मन प्रसन्न रहेगा एवं वैवाहिक सुख का पूर्ण आनंद प्राप्त होगा।

धनु:
आपके लिए आर्थिक लाभ का दिन है। घर में शांति और आनंद का वातावरण रहेगा, जो कि आपके मन को प्रसन्न रखेगा। नौकरी करने वालों को लाभ और सहकर्मियों से सहयोग मिलेगा। कार्यसिद्धि तथा यश मिलेगा। मातृपक्ष से अच्छे समाचार मिलेंगे। अपनी वाणी पर संयम रखें।

मकर:
आज आपका मन चिंताग्रस्त और दुविधायुक्त रहेगा। ऐसी मनोदशा में आप किसी भी कार्य में दृढ़ निश्चय नहीं रह पाएंगे। आज के दिन कोई भी महत्‍वपूर्ण कार्य न करें क्योंकि आज भाग्य साथ नहीं देगा। संतान के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। बुजुर्गों का स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। कार्यालय में उच्च पदाधिकारियों की अप्रसन्नता का सामना करना पडेगा। निरर्थक व्यय बढ़ेगा।

कुंभ:
आज आपके स्वभाव में प्रेम छलकेगा। स्त्रियों के आभूषण, वस्त्र, सौंदर्य-प्रसाधन के पीछे धन खर्च होगा। माता से लाभ होने की संभावना है। जमीन, मकान एवं वाहन आदि के सौदों में ध्यान रखना अतिआवश्यक है। विद्यार्थियों को विद्याप्राप्ति में सफलता मिलेगी। स्वभाव में हठीलापन टालें तो ही बेहतर है।

मीन:
आपका दिन शुभ फलदायी होगा, आपकी सृजनात्मक और कलात्मक शक्तियों में वृद्धि होगी। वैचारिक स्थिरता के कारण आपके कार्य आज अच्छी तरह से संपन्न कर पाएंगे। महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए आज का दिन शुभ है। जीवनसाथी के साथ समय अच्छी तरह से बीतेगा। कार्य में सफलता मिलेगी।

आज का उपाय :- नौकरी व बिज़नेस में तरक्की के लिए सूखे नारियल में भुना आटा, बूरा व खांड भरकर किसी ऐसे स्थान में दबाएं जहाँ काली चींटियाँ उसे खा सकें।

आज का पांचांग

                                                              🌷🌷🌷पंचांग🌷🌷🌷
                                                         03 सितम्बर 2018, सोमवार

विक्रम संवत – 2075
अयन – दक्षिणायन
गोलार्ध – उत्तर
ऋतु – शरद
मास – भाद्रपद
पक्ष – कृष्ण
तिथि – अष्टमी
नक्षत्र – रोहिणी
योग – हर्षण
करण – बालव

राहुकाल:-
7:30AM – 9:00AM

🌞सूर्योदय – 06:04 (चण्डीगढ)
🌞सूर्यास्त – 18:40 (चण्डीगढ)
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🚩व्रत -🚩
श्री कृष्ण जन्माष्टमी (वैष्णव)।

🚩उत्सव -🚩
नन्दोत्सव।

🚩पर्व -🚩
गोकुल अष्टमी।

🌹🌹🌹विशेष -🌹🌹🌹
दिनांक 2 सितम्बर 2018 के पंचाग में श्री कृष्ण जन्माष्टमी की विस्तृत जानकारी उपलब्ध करवा दी गई है।
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चोघड़िया मुहूर्त- एक दिन में सात प्रकार के चोघड़िया मुहूर्त आते हैं, जिनमें से तीन शुभ और तीन अशुभ व एक तटस्थ माने जाते हैं। इनकी गुजरात में अधिक मान्यता है। नए कार्य शुभ चोघड़िया मुहूर्त में प्रारंभ करने चाहिएः-
दिन का चौघड़िया (दिल्ली)
चौघड़िया प्रारंभ अंत विवरण
अमृत 06:00 07:35 शुभ
शुभ 09:10 10:45 शुभ
लाभ 15:30 17:05 शुभ
अमृत 17:05 18:40 शुभ
रात्रि का चौघड़िया (दिल्ली)
चौघड़िया प्रारंभ अंत विवरण
लाभ 22:55 00:20 शुभ
शुभ 01:45 03:10 शुभ
अमृत 03:10 04:35 शुभ

फोटोजर्निलिस्टों की तीन दिवसीय फोटोप्रदशर्नी हुई सम्पन्न नेतागण, पूर्व खिलाडी, डीसी, विद्यार्थियों आदि ने लिया प्रदशर्नी का आनंद

फोटोजर्नलिस्ट राकेश शाह ओलम्पियड बलबीर सिंह के साथ

चंडीगढ, 2 सितंबर, 2018:
सेक्टर 16 स्थित पंजाब कला भवन में फोटोजर्निलिस्ट वैल्फेयर ऐसोसियेशन द्वारा आयोजित की गई तीन दिवसीय फोटो प्रदशर्नी आज कला प्रेमियों की जुटी व्यापक जोश के बीच समन्न हो गई । प्रदशर्नी में इस बार देश और विदेश के करीब 66 फोटोग्राफर्स और वरिष्ठ पत्रकारों के 136 फ्रेम्स को प्रदर्शित किया था। आज अंतिम दिन प्रदशर्नी देखने के लिये कलाप्रेमियों की काफी भीड जुटी जिसमें गणमान्य लोगों में मोहाली की डिप्टी कमीशनर गुरप्रीत कौर सपरा, चंडीगढ के मेयर देवेश मौदगिल, हाकी लिजेंड बलबीर सिंह सीनियर, भाजपा दिग्गज सत्यपाल जैन आदि प्रमुख रहे। आये दर्शकों ने ऐसोसियेशन के साथ साथ भाग ले रहे फोटोग्राफर्स की खूब प्रशंसा की और फोटोज की बारिकियों को समझते दिखे। ऐसोसियेशन के महासचिव संजय शर्मा कुर्ल ने बताया कि लोगों की डिमांड और स्थानीय फोटोग्राफर्स के सहयोग से यही प्रदशर्नी पंजाब और हिमाचल प्रदेश के विभिन्न शहरों मे भी आयोजित की जा रही है। अपने संबोधन मे अध्यक्ष अखिलेश कुमार ने अपने सहयोगियों का भी आभार व्यक्त किया जिन्होंने इस आयोजन का सफल बनाने के लिये अपना योगदान दिया ।

मेयर देवेश मौदगिल, फोटो राकेश शाह

ओलम्पियड बलबीर सिंह, फोटो राकेश शाह

फोटो राकेश शाह

 

फोटो राकेश शह

फोटो राकेश शह

जहां नम्रता, सत्य, लज्जा और धर्म हैं वहीं कृष्ण हैं, जहां कृष्ण हैं वहीं विजय है


धार्मिक विश्वासों को छोड़ दें तो एक किरदार के रूप में कृष्ण के जीवन के तमाम पहलू बेहद रोचक हैं


जनमाष्टमी यानी कृष्ण के जन्म का उत्सव. कृष्ण के जन्म से दो बिल्कुल कड़ियां अलग जुड़ती हैं. एक ओर मथुरा की काल कोठरी है जहां वासुदेव और देवकी जेल में अपनी आठवीं संतान की निश्चित हत्या का इंतजार कर रहे हैं. दूसरी तरफ गोकुल में बच्चे के पैदा होने की खुशियां हैं. कृष्ण के जन्म का ये विरोधाभास उनके जीवन में हर जगह दिखता है. धार्मिक विश्वासों को छोड़ दें तो एक किरदार के रूप में कृष्ण के जीवन के तमाम पहलू बेहद रोचक हैं. और समय-समय पर उनके बारे में जो नई कहानियां गढ़ी गईं उन्हें समझना भी किसी समाजशास्त्रीय अध्ययन से कम नहीं है.

अब देखिए वृंदावन कृष्ण की जगह है, लेकिन वृंदावन में रहना है तो ‘राधे-राधे’ कहना है. ऐसा नहीं हो सकता कि आप अयोध्या में रहकर सिया-सिया, लुंबिनी में यशोधरा-यशोधरा या ऐसा कुछ और कहें. यह कृष्ण के ही साथ संभव है. कान्हा, मुरली और माखन के कथाओं में कृष्ण का बचपन बेहद सुहावना लगता है. लेकिन कृष्ण का बचपन एक ऐसे शख्स का बचपन है, जिसके पैदा होने से पहले ही उसके पिता ने उसकी हत्या की जिम्मेदारी ले ली थी. वो एक राज्य की गद्दी का दावेदार हो सकता था तो उसको मारने के लिए हर तरह की कोशिशें की गईं. बचपन के इन झटकों के खत्म होते-होते पता चलता है कि जिस परिवार और परिवेश के साथ वो रह रहा था वो सब उसका था ही नहीं.

कहानियां यहीं खत्म नहीं होतीं. मथुरा के कृष्ण के सामने अलग चुनौतियां दिखती हैं. जिस राज सिंहासन को वो कंस से खाली कराते हैं उसे संभालने में तमाम मुश्किलें आती हैं. अंत में उन्हें मथुरा छोड़नी ही पड़ती है. महाभारत युद्ध में एक तरफ वे खुद होते हैं दूसरी ओर उनकी सेना होती है. वो तमाम योद्धा जिनके साथ उन्होंने कई तैयारियां की होंगी, युद्ध जीते होंगे. अब अगर कृष्ण को जीतना है तो उनकी सेना को मरना होगा. इसीलिए महाभारत के कथानक में कृष्ण जब अर्जुन को ‘मैं ही मारता हूं, मैं ही मरता हूं’ कहते हैं तो खुद इसे जी रहे होते हैं.

महाभारत से इस्कॉन तक कृष्ण

अलग-अलग काल के साहित्य और पुराणों में कृष्ण के कई अलग रूप हैं. मसलन महाभारत में कृष्ण का जिक्र आज लोकप्रिय कृष्ण की छवि से बिलकुल नहीं मिलता. भारतीय परंपरा के सबसे बड़े महाकाव्य में कृष्ण के साथ राधा का वर्णन ही नहीं है. वेदव्यास के साथ-साथ श्रीमदभागवत् में भी राधा-कृष्ण की लीलाओं का कोई वर्णन नहीं है. राधा का विस्तृत वर्णन सबसे पहले ब्रह्मवैवर्त पुराण में मिलता है. इसके अलावा पद्म पुराण में भी राधा का जिक्र है. राधा के शुरुआती वर्णनों में कई असमानताएं भी हैं. कहीं दोनों की उम्र में बहुत अंतर है, कहीं दोनों हमउम्र हैं.

इसके बाद मैथिल कोकिल कहे जाने वाले विद्यापति के पदों में राधा आती हैं. यह राधा विरह की ‘आग’ में जल रही हैं. 13वीं 14वीं शताब्दी के विद्यापति राधा-कान्हा के प्रेम के बहाने, शृंगार और काम की तमाम बातें कह जाते हैं. इसके कुछ ही समय बाद बंगाल से चैतन्य महाप्रभु कृष्ण की भक्ति में लीन होकर ‘राधे-राधे’ का स्मरण शुरू करते हैं. यह वही समय था जब भारत में सूफी संप्रदाय बढ़ रहा था, जिसमें ईश्वर के साथ प्रेमी-प्रेमिका का संबंध होता है. चैतन्य महाप्रभु के साथ जो हरे कृष्ण वाला नया भक्ति आंदोलन चला उसने भक्ति को एक नया आयाम दिया जहां पूजा-पाठ साधना से उत्सव में बदल गया.

अब देखिए बात कृष्ण की करनी है और जिक्र लगातार राधा का हो रहा है. राधा से शुरू किए बिना कृष्ण की बात करना बहुत मुश्किल है. वापस कृष्ण पर आते हैं. भक्तिकाल में कृष्ण का जिक्र उनकी बाल लीलाओं तक ही सीमित है. कृष्ण ब्रज छोड़ कर जाते हैं तो सूरदास और उनके साथ बाकी सभी कवि भी ब्रज में ठहर जाते हैं. उसके आगे की कहानी वो नहीं सुनाते हैं. भक्तिकाल के कृष्ण ही सनातन परंपरा में पहली बार ईश्वर को मानवीय चेहरा देते हैं. भक्तिकाल के बाद रीतिकाल आता है और कवियों का ध्यान कृष्ण की लीलाओं से गोपियों और राधा पर ज्यादा जाने लगता है. बिहारी भी जब श्रृद्धा के साथ सतसई शुरू करते हैं, तो ‘मेरी भव बाधा हरो राधा नागरि सोए’ ही कहते हैं. इन सबके बाद 60 के दशक में इस्कॉन जैसा मूवमेंट आता है जो उस समय दुनिया भर में फैल रहे हिप्पी मूवमेंट के साथ मिलकर ‘हरे कृष्णा’ मूवमेंट बनाता है.

ईश्वर का भारतीय रूप हैं कृष्ण

कृष्ण को संपूर्ण अवतार कहा जाता है. गीता में वे खुद को योगेश्वर भी कहते हैं. सही मायनों में ये कृष्ण हैं जो ईश्वर के भारतीय चेहरे का प्रतीक बनते हैं. अगर कथाओं के जरिए बात कहें तो वे छोटी सी उम्र में इंद्र की सत्ता और शोषण के खिलाफ आवाज उठाते हैं. जीवन भर युद्ध की कठोरता और संघर्षों के बावजूद भी उनके पास मुरली और संगीत की सराहना का समय है. वहीं वह प्रेम को पाकर भी प्रेम को तरसते रहते हैं. यही कारण है कि योगेश्वर कृष्ण की ‘लीलाओं’ के बहाने मध्यकाल में लेखकों ने तमाम तरह की कुंठाओं को भी छंद में पिरोकर लिखा है. उनका यह अनेकता में एकता वाला रूप है जिसके चलते कृष्ण को हम बतौर ईश्वर अलग तरह से अपनाते हैं.

तमाम जटिलताएं

इसमें कोई दो राय नहीं कि कृष्ण की लीलाओं के नाम पर बहुत सी अतिशयोक्तियां कहीं गईं हैं. बहुत कुछ ऐसा कहा गया है जो, ‘आप करें तो रास लीला…’ जैसे मुहावरे गढ़ने का मौका देता है. लेकिन इन कथाओं की मिलावटों को हटा देने पर जो निकल कर आता है वो चरित्र अपने आप में खास है. अगर किसी बात को मानें और किसी को न मानें को समझने में कठिनाई हो तो एक काम करिए, कथानकों को जमीन पर जांचिए. उदाहरण के लिए वृंदावन और मथुरा में कुछ मिनट पैदल चलने जितनी दूरी है. मथुरा और गोकुल या वृंदावन और बरसाने का सफर भी 2-3 घंटे पैदल चलकर पूरा किया जा सकता है. इस कसौटी पर कसेंगे तो समझ जाएंगे कि कौन-कौन सी विरह की कथाएं कवियों की कल्पना का हिस्सा हैं.

कृष्ण के जीवन में बहुत सारे रंग हैं. कुछ बहुत बाद में जोड़े गए प्रसंग हैं जिन्हें सही मायनों में धार्मिक-सामाजिक हर तरह के परिवेश से हटा दिया जाना चाहिए. राधा के वर्णन जैसी कुछ ऐसी चीज़ें हैं जो महाभारत और भागवत में नहीं मिलती मगर आज कृष्ण का वर्णन उनके बिना संभव नहीं है. इन सबके बाद भगवद् गीता है जो सनातन धर्म के एक मात्र और संपूर्ण कलाओं वाले अवतार की कही बात. जिसमें वो अपनी तुलना तमाम प्रतीकों से करते हुए खुद को पीपल, नारद कपिल मुनि जैसा बताते हैं. आज जब तमाम चीजों की रक्षा के नाम पर हत्याओं और अराजकता एक सामान्य अवधारणा बनती जा रही है. निर्लज्जता, झूठ और तमाम तरह की हिंसा को कथित धर्म की रक्षा के नाम पर फैलाया जा रहा है, ऐसे में कृष्ण के लिए अर्जुन का कहा गया श्लोक याद रखना चाहिए यतः सत्यं यतो धर्मो यतो ह्लीराजर्वं यतः. ततो भवति गोविंदो यतः कृष्णोस्ततो जयः यानी जहां नम्रता, सत्य, लज्जा और धर्म हैं वहीं कृष्ण हैं, जहां कृष्ण हैं वहीं विजय है. अंतिम बात यही है कि कृष्ण होना सरस होना, क्षमाशील होना, नियमों की जगह परिस्थिति देख कर फैसले लेना और सबसे ज़रूरी, निरंकुशता के प्रतिपक्ष में रहना है.

राज्य सरकार ने कोर्ट के समक्ष लगभग स्वीकार कर लिया है कि अनुच्छेद 35-ए के कुछ हिस्से हटाने के लायक हैं: फारूक अब्दुल्ला


सुनवाई के दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने कहा था कि इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि अनुच्छेद 35ए में लिंग भेदभाव भी एक पहलू है


नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 35ए को लेकर एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) की सुप्रीम कोर्ट में दी गई दलील की आलोचना की है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट में एएसजी ने दलील दी थी कि संविधान के अनुच्छेद 35ए में ‘एक पहलू लिंग भेदभाव का भी है.’

दरअसल एएसजी ने सुनवाई के दौरान इस दलील पर सहमति व्यक्त की कि अनुच्छेद 35ए और कुछ खास पहलुओं पर बहस की आवश्यकता है. उन्होंने कहा, ‘इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि इसमें लिंग भेदभाव का एक पहलू है.’

अब्दुल्ला ने एक बयान में कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार की तरफ से कोर्ट के समक्ष अगर इस तरह का बयान दिया गया है. तो इस  से संकेत मिलता है कि अनुच्छेद 35-ए का पक्ष लेने और चुनौती को संविधान पीठ के पहले के फैसले के आधार पर खारिज करने की मांग करने के बदले राज्य सरकार ने कोर्ट के समक्ष लगभग स्वीकार कर लिया है कि अनुच्छेद 35-ए के कुछ हिस्से हटाने के लायक हैं.

महा-अधिवक्ता जम्मू कश्मीर के लोगों के हितों के संरक्षक हैं

उन्होंने चिंता जताई कि ऐसे संवेदनशील मुकदमे में जम्मू-कश्मीर के महा-अधिवक्ता को हाशिए पर डाल दिया गया है. जो जम्मू-कश्मीर के संविधान के तहत राज्य के अनोखे कानूनी इतिहास और संवैधानिक दर्जे से संबंधित है. अब्दुल्ला ने कहा कि महा-अधिवक्ता को राज्य के लिए नियुक्त किया गया है और वह राज्य के लोगों के हितों की रक्षा करने और उनका प्रतिनिधित्व करने के लिए बाध्य हैं. वह संवैधानिक अधिकारी हैं और सभी अदालतों के समक्ष जम्मू-कश्मीर के लोगों के हितों के संरक्षक हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 35ए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर महत्वपूर्ण सुनवाई शुक्रवार को अगले साल जनवरी तक स्थगित कर दी थी. यह अनुच्छेद जम्मू-कश्मीर के मूल निवासी को विशेष अधिकार प्रदान करता है.

Phoolkas threat to quit seems to be attempt to obstruct justice: Congress


Say Capt Amarinder Led Govt Fully Committed To Deliver Justice In Accordance With Law


 

Chandigarh, September 2 ,2018 :

Five senior Cabinet Ministers of Punjab on Sunday condemned AAP leader HS Phoolka’s threat to quit as MLA as an attempt to obstruct the course of justice and said such acts do not behoove a senior leader in a democratic polity like ours.

The ministers, in a statement, said the government was committed to book and punish those indicted by Justice Ranjit Singh Commission through expeditious and thorough investigation, in accordance with the due process of law. The government led by Captain Amarinder Singh was committed to fulfilling its election promise to delivering justice to the innocent victims of the indiscriminate police firing, said the minister, asserting that the guilty would be booked, irrespective of their political affiliation or position.

Phoolka’s ultimatum to book certain individuals in 15 days was a violation of the basic tenets of equity and justice, said the ministers, Navjot Singh Sidhu, Manpreet Singh Badal, Sukhjinder Singh Randhawa, Tript Rajinder Singh Bajwa and Charanjit Singh Channi.

As a senior lawyer himself, Phoolka would be well versed with the needs of equity and justice, said the ministers, urging the AAP leader not to play politics on such a sensitive religious matter. Even the Supreme Court would ordinarily be loath to interfere in a criminal investigation, except in the case of mala fides being involved, since the investigation of an offence is the domain of the police or the investigation agency, which is expected to act impartially, the ministers pointed out.

The unanimous resolution of Punjab Vidhan Sabha for setting up a Special Investigation Team (SIT) to probe the desecration and firing incidents was a sacrosanct directive, which the government was fully committed to implementing, said the ministers. The SIT was in the process of being constituted and would investigate the entire matter in strict accordance with law, said the ministers, adding that carrying out the probe in a free and fair manner, without interference, required that it be allowed to function without pressure.

“Mr. Phoolka should remember that the SIT has been set up to probe the truth behind the desecration of our Holy text. Respect to the Holy Sri Guru Granth Sahib or any other Holy Text such as the Bible, the Geeta or the Quran, itself demands that such a probe be carried out freely and transparently, without any interference, for which the government was also in process of amending the law,” said the ministers, in their joint statement.

Demands for arrest or threats to resign from the Assembly even before the investigation is commenced by the SIT was tantamount to offering the accused ready legal defence of bias and prejudice, said the ministers. They urged all political parties to cooperate to allow the SIT to work freely and fairly, without any pressure.