प्रदेश में कांग्रेस महिला नेता और स्वयं को टिकेट कि प्रबल दावेदार मानने वाली रंजीता मेहता द्वारा महिला अधिकार सम्मलेन आयोजित किया गया.
इस राजनीति से प्रेरित कार्यक्रम को कांग्रेस कि अंदरूनी और क्षेत्रीय राजनीति ने ही लील लिया.
बड़े बड़े होर्डिंग्स जिन पर रंजीता मेहता कि तस्वीर के साथ सुमित्रा चौहान कि तस्वीरें लगीं थीं दिख पड़ते थे. बहुत ढूँढने पर भी शहर कि किसी दूसरी नामचीन महिला राजनेता कि तस्वीर दिखाई न पड़ी.
कल शहर में अचानक ही सुधा भरद्वाज के पोस्टर्स दीखने लगे. सुधा भरद्वाज बसपा से कांग्रेस में आया एक बड़ा नाम है.
सूत्रों के मुताबिक बीती शाम शैलजा ने अपनी भागीदारी से मना कर दिया कारण कोई भी हो परन्तु प्रत्यक्ष यह कहा गया कि सुधा भारद्वाज को इतनी अधिक तवज्जो दिए जाने से शैलजा खफा है.
सुरजे वाला ने भी 12 बजे के बाद आने कि बात कही है, वहीँ अंदरूनी सूत्र यह भी कह रहे थे कि हूडा का आना भी संदेहास्पद है.
11:30 am, ख़बर लिखे जाने तक क्षेत्रीय नेताओं का अभाव था.