Wednesday, February 5


एनएसयूआई की हुई प्रदेश कार्यकारिणी बैठक
दीपेंद्र हुड्डा ने पदाधिकारियों का किया प्रोत्साहन


(हरियाणा) 28 सितम्बर 2018। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस छात्र संगठन , एनएसयूआई हरियाणा की प्रदेश कार्यकारिणी की एक एहम बैठक नई दिल्ली में देर रात हुई और प्रदेश के कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों ने बैठक में हिस्सा लिया।प्रदेशाध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा ने सभी पदाधिकारियों को प्रदेश में छात्र संघ चुनावो के लिए रणनीति बनाने के उद्देश्य से बुलाया जिसमे सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने बैठक में पदाधिकारियों का प्रोत्साहन किया।बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए।एनएसयूआई जमीनी स्तर पर सबसे मजबूत छात्र संगठन है जोकि छात्रहितों की आवाज को उठाता है,एनएसयूआई हरियाणा के छात्र संघ चुनावो में अपनी जीत का परचम लहराएगी और 2019 के चुनावों में कांग्रेस की जीत को एक वर्ष पूर्व ही सुनिश्चित करने का काम करेगी।प्रदेश के हर विश्वविद्यालय व महाविद्यालय में एनएसयूआई के कार्यकर्ता मजबूती से काम कर रहे है।
दरअसल,2014 के चुनावों में भाजपा द्वारा प्रदेश की जनता व छात्रो से घोषणा पत्र के माध्यम से अनेको तरह के चुनावी वायदे किए गए जबकि लगभग 4 साल बीतने के बाद भी प्रदेश का छात्र-युवा-बुजुर्ग स्वयं को ठगा हुआ सा महसूस कर रहा है।छात्र,जोकि देश का भविष्य है उन्हें राजनीति में आगे लाने के लिए प्रदेश में छात्र संघ चुनाव बहाल करने का वायदा किया था परन्तु अब तक न तो चुनाव बहाल हुए,न ही तिथि निश्चित हुई व न ही बजट आवंटित हुआ।एनएसयूआई ने मांग करी कि पंजाब-दिल्ली-राजस्थान विश्वविद्यालय की तर्ज पर प्रत्यक्ष चुनाव करवाए जाए जबकि सरकार के कुछ मंत्रियों द्वारा ब्यान दिया गया है कि चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होंगे।22 वर्ष बाद प्रदेश में छात्र संघ चुनाव बहाल होने की घोषणा औपचारिक तौर पर हरियाणा सरकार द्वारा की जा चुकी है जोकि अप्रत्यक्ष तौर पर करवाने की है, जिससे असल मे छात्र नेता उभर कर नही आ पाएंगे।इसके साथ ही पैसे व राजनीतिक प्रभाव से सरकार तथा प्रशासन आसानी से मनपसिन्दा उम्मीदवार को प्रधान नियुक्त कर सकेंगे जिससे छात्रो की आवाज दब जाएगी व चुनावो का कोई महत्व नही रह जाएगा। कालेज और विश्वविद्यालय प्रबंधन के हस्तक्षेप के साथ विभाग प्रतिनिधि सीआर/डीआर चुनने और उनके माध्यम से अध्यक्ष बनाने की रणनीति पर काम किया जा रहा है।ऐसे में न तो विश्वविद्यालयों से कोई नया छात्र नेता पैदा होगा और न ही विद्यार्थियों की 22 साल पुरानी समस्याओं का समाधान हो सकेगा। यदि प्रत्यक्ष रूप से चुनाव होंगे तो छात्रो की समस्याओं का समाधान भी होगा व प्रदेश को नए राजनीतिक चेहरे भी मिलेंगे।
इस बैठक में एनएसयूआई के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव अजय छिकारा, राष्ट्रीय सचिव व प्रदेश प्रभारी बिट्ठल शर्मा,राष्ट्रीय सचिव गौरव तुसिर, व प्रदेश के समस्त पदाधिकारी मौजूद रहे।