संजय सिंह ने बीजेपी नेता को पूर्व मंत्री कपिल मिश्र पर कथित रूप से हमला करने वाला बताया था, अब देखने वाली बात यह है कि “आआपा नेता संजय सिंह” इस मुकद्दमे को इमानदारी से लड़ेंगे या फिर अपने नेता कि तरह भरे बाज़ार माफ़ी मांग लेंगे और गोर तलब यह भी रहेगा कि क्या भाजपा कि युवा इकाई के नेता ‘अंकित भारद्वाज’ अपने नेताओं का अनुसरण करते हुए उन्हें माफ़ कर देंगे.
कल ही आआपा नेता संजय सिंह ने राफेल सौदे में रक्षा मंत्री श्रीमती निर्मला सीता रमण को एक कानूनी नोटिस भिजवाया ऐसा उन्होंने मिडिया में कहा, परन्तु आज उनके ही खिलाफ न्यायालय में अवमानना का मुकद्दमा दर्ज हो गया है.
बीजेपी की युवा इकाई के एक नेता की ओर से दाखिल मानहानि के मामले में दिल्ली की एक अदालत ने आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह के खिलाफ आरोप तय किए हैं.
संजय सिंह ने बीजेपी नेता को पूर्व मंत्री कपिल मिश्र पर कथित रूप से हमला करने वाला बताया था. अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने कहा कि आरोपी के खिलाफ कार्यवाही शुरू करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य हैं.
ये आरोप भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत तय किए गए हैं. इससे पहले राज्यसभा सांसद ने मामले में अपनी गलती स्वीकार नहीं की और इस संबंध में सुनवाई किए जाने पर जोर दिया.
संजय के अधिवक्ता मोहम्मद इरशाद ने बताया कि अदालत में सुनवाई के दौरान आरोपों पर वह आआपा नेता का पक्ष रखेंगे. भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकारी सदस्य अंकित भारद्वाज ने यह मामला दायर किया था.
अंकित ने दावा किया कि आआपा नेताओं ने मीडिया में गलत तरीके से उनका नाम लिया और बीजेपी युवा मोर्चा का पदाधिकारी बताया, जिसने पिछले साल दस मई को मिश्र पर हमला किया था.