Sunday, December 22


गहलोत ने कहा, राजे को झूठी उपलब्धियों का ढिंढ़ोरा पीटकर जनता को भ्रमित करने की बजाय सच का सामना करना चाहिए


कांग्रेस महासचिव और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल में राज्य पर कर्ज की लगातार बढ़ोतरी हुई है. काठ की हांडी एक बार ही चढ़ती है, बार-बार नहीं. जनता उनकी विदाई तय कर चुकी है.

गहलोत ने यहां एक बयान में कहा कि राजे बार-बार कांग्रेस सरकार पर ऋणभार बढ़ाकर खजाना खाली छोड़ने का झूठा और बेबुनियाद आरोप लगा रही हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि उन्होंने खुद राजस्थान को कर्ज में डुबो दिया है. राजे को झूठी उपलब्धियों का ढिंढ़ोरा पीटकर जनता को भ्रमित करने की बजाय सच का सामना करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय राज्य पर साल 2012-13 में 1,17,809 करोड़ रुपए का कर्ज भार था, आज उससे दोगुने से भी अधिक कर्ज राज्य की जनता पर डाल दिया गया है. साल 2018-19 के बजट अनुमानों के अनुसार राज्य पर ऋण भार उदय योजना सहित 3,08,033 करोड़ रुपए माना जा रहा है.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का यह कहना कि कांग्रेस सरकार ने राज्य का खजाना खाली कर दिया, असत्य और भ्रामक है. हकीकत में कांग्रेस सरकार ने साल 2012-13 में 3451 करोड़ रुपए का राजस्व अधिशेष छोड़ा था जबकि साल 2018-19 के बजट अनुमानों के अनुसार बीजेपी सरकार का उदय योजना सहित 17454 करोड़ रुपए का राजस्व घाटा है.

उन्होंने कहा कि कुशल वित्तीय प्रबंधन से पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय राज्य सरकार के राजकोषीय घाटे को एफआरबीएम अधिनियम के तहत निर्धारित जीएसडीपी के 3 प्रतिशत की सीमा के अंदर ही नियंत्रित रखा गया था.

गहलोत ने कहा कि वित्तीय कुप्रबन्धन के कारण राज्य के राजकोषीय घाटे को नियंत्रित रखने में भी राजे सरकार विफल रही है. साल 2016-17 के अंत तक राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 3.19 प्रतिशत रहा जो निर्धारित सीमा से अधिक है.

उन्होंने कहा कि इस बार जनता इनके भ्रम जाल में फंसने वाली नहीं है, जैसा कि पिछली बार हुआ. यात्रा में झूठी गौरव गाथा गाने की बजाय जनता से माफी मांगनी चाहिए. चुनाव में कांग्रेस पर रेवड़ियां बांटने का आरोप लगाने वाली राजे जो बिना बजट प्रावधान के लोकलुभावन घोषणाएं कर रही हैं, उन्हें पूरा करना अब उनके बस में नहीं है.