पंजाब में आआपा  कि शर्मनाक हार

अरविन्द केजरीवाल का फाइल फोटो


मोहाली में अकालि दल के लोगों ने बारिश के बीच खरड़ हाईवे जाम कर दिया था, नेताओं का आरोप था कि पंचायत चुनाव की मतगणना के दौरान कांग्रेस की ओर से मतों की गिनती में गड़बड़ी हुई है


पंजाब में आम आदमी पार्टी को नगर निगम चुनावों की तरह जिला परिषद व ब्लॉक समिति के चुनावों में भी हार का सामना करना पड़ा है. ज्यादातर सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों ने ही जीत हासिल की है. वहीं मजीठा विधानसभा इलाके को छोड़कर ज्यादातर इलाकों में अकाली दल को करारी हार मिली है. आम आदमी पार्टी का तो लगभग सफाया ही हो गया है. यहां तक कि सांसद भगवंत मान के संगरूर इलाके में भी आआपा  की शर्मनाक हार हुई है. आगामी लोकसभा चुनाव के लिए शिरोमनी अकाली दल व आप के लिए यह स्थिति चिंतित करने वाली हो सकती है.

 

जिन जिला परिषदों पर कांग्रेस ने 100 फीसदी सीटों पर कब्जा किया है उनमें जिला लुधियाना, गुरदासपुर, फतेहगढ़ साहिब, पटियाला, बठिंडा और मानसा शामिल हैं. यहां से अकाली दल व आप का पूरी तरह सफाया हो चुका है. नतीजों के बाद कुछ जगहों पर अकाली दल के कार्यकर्ताओं ने सरकार पर आरोप लगाते हुए नारेबाजी भी की थी. मोहाली में अकालियों ने बारिश के बीच खरड़ हाईवे जाम कर दिया था. नेताओं का आरोप था कि पंचायत चुनाव की मतगणना के दौरान कांग्रेस की ओर से मतों की गिनती में गड़बड़ी की गई है. शिरोमनी अकाली दल के राज्यसभा सदस्य सुखदेव सिंह ने ढींडसा की ओर से गोद लिए गांव गुलाड़ी (संगरूर) में जीत दर्ज की है.

ढींडसा ने कहा कि लोगों ने बता दिया है कि वह विकास को तरजीह देंगे. आआपा की करारी हार का आलम ऐसा रहा कि सांसद भगवंत मान के इलाके में भी लगभग सभी उम्मीदवार हार गए. जिला परिषद के चुनाव में आआपा पार्टी खाता भी नहीं खोल पाई. ब्लॉक समिति की 193 सीटों में से पार्टी ने सिर्फ 50 सीटों पर ही अपने प्रत्याशी खड़े किए थे लेकिन वहां भी हार गई. रूपनगर में आम आदमी पार्टी के विधायक अमरजीत सिंह संदोआ की बहन सुरिंदर कौर को भी हार का सामना करना पड़ा है. वह ब्लॉक समिति चुनाव में तख्तगढ़ जोन से खड़ी हुई थीं और तीसरे स्थान पर रही थीं.

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