Sunday, December 22

सिख एडवाइजरी कमेटी राजस्थान के कन्वीनर तेजिंदर पाल सिंह टिम्मा ने मोदी सरकार के उस फैसले की कड़ी निंदा की। जिसमे भारत सरकार द्वारा ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान ग्रिफ्तार किये गए जोधपुर जेल के नजरबन्दों के हक़ में व ऑपरेशन ब्लू स्टार को गलत करार देने के सैशन कोर्ट अमृतसर के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट चंडीगढ़ में अपील की है । उल्लेखनीय है कि ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान भारत सरकार द्वारा 365 सिक्खों को ग्रिफ्तार करके जोधपुर जेल में बंद कर दिया था। पांच साल बाद जेल से रिहा हुए नजरबन्दों ने सरकार के खिलाफ केस कर दिया। 27 साल की लंबी लड़ाई के बाद कोर्ट ने एतिहासिक फैसला देते हुए ऑपरेशन ब्लू स्टार को गलत करार देते हुए जोधपुर जेल के नज़रबन्दों को मुआवज़े के तौर पर पांच पांच लाख रुपये मय ब्याज देने के आदेश जारी कर दिए। जो कि फैसले की तारीख तक तकरीबन 11-11 लाख रुपये बनता था। कोर्ट का फैसला आते ही सरकारी ख़ुफ़िया एजंसियां बौखला गई। क्योंकि कोर्ट के इस फैसले ने कानूनी तौर पर ऑपरेशन ब्लू स्टार को नाजायज कारवाई करार दे दिया। जो केंद्र सरकार के मुंह पर बहुत बड़ी चपेड़ थी। सार्वजनिक तौर पर चाहे हर सरकार ने ऑपरेशन ब्लू स्टार की निंदा की। पर अंदरूनी तौर पर बुरी तरह खिसियाये हुए थे। आज कोर्ट के फैसले के खिलाफ मोदी सरकार द्वारा हाई कोर्ट में रिट पटीशन दायर करना इस बात का प्रत्य्क्ष सबूत है कि सरकार चाहे कांग्रेस की हो चाहे भाजपा की सिख कौम के प्रति सोच एक ही है।

टिम्मा ने राजस्थान सरकार में मंत्री सुरेंदर पाल सिंह टीटी,विधायक गुरजंट सिंह बराड़ व अल्प संख्यक आयोग के चैयरमैन जसबीर सिंह से अपील की कि वो तुरंत प्रभाव से सिख कौम की तर्जमानी करते हुए कौम की भावनाओं से सरकार को अवगत कराएं। कौम की भावनाओं से खिलवाड़ सिख कभी भी बर्दाश्त नहीं करेंगे। सरकारों को अपनी नीति स्पष्ट करनी पड़ेगी। मुंह में राम बगल में छुरी वाली चालें खुद मोदी सरकार के लिए घातक होंगी। सिख विरोधी सोच है तो स्पष्ट बोलो। दोगली बातें त्यागनी पड़ेंगी। तभी देश उन्नति व प्रगति के पथ पर अग्रसर होगा।