Sunday, December 22


‘सत्ताधारी पार्टी को हर शब्द पर आपत्ति करने की कोई जरूरत नहीं है और ‘लोकतंत्र में प्रधानमंत्री भगवान नहीं होता.’


मुंबई कांग्रेस के प्रमुख संजय निरुपम ने बुधवार को विवादित बयान देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निरक्षर बताया है. उनके इस बयान पर विवाद शुरू हो गया है.

महाराष्ट्र के स्कूलों में पीएम नरेंद्र मोदी के जीवन पर बनी शॉर्ट फिल्में दिखाने के राज्य सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए उन्होंने मोदी को ‘अनपढ़ और गंवार’ बता दिया.

उन्होंने कहा कि ‘जबरन फिल्म दिखाने का फैसला गलत है. बच्चों को राजनीति से दूर रखना चाहिए. मोदी जैसे अनपढ़-गंवार व्यक्ति पर बनी फिल्म देखकर बच्चे क्या सीखेंगे? बच्चों और लोगों को तो यह भी नहीं पता कि प्रधानमंत्री के पास कितनी डिग्रियां हैं.’

निरुपम के ये बयान देने के बाद से बीजेपी नेताओं ने उनपर हमला करना शुरू कर दिया है. महाराष्ट्र बीजेपी की प्रवक्ता शाइना एनसी ने निरुपम को ‘मानसिक तौर पर विक्षिप्त’ करार दिया.

शाइन एनसी ने ट्वीट किया, ‘मानसिक रूप से विक्षिप्त संजय निरुपम की एक और अप्रिय टिप्पणी. शायद वो भूल गए हैं कि नरेंद्र मोदी को 125 करोड़ भारतीयों ने चुने गए हैं, जो ‘अनपढ़ या गवार’ नहीं हैं.’

वहीं, बीजेपी सांसद अनिल शिरोले ने कहा, ‘प्रधानमंत्री एक पार्टी के प्रतिनिधि नहीं हैं, वह देश और इसके लोगों के प्रधानमंत्री हैं. संजय निरुपम ने हमारे प्रधानमंत्री का अपमान करके उनके कार्यालय, देश का अपमान किया है.’

संजय निरुपम ने बाद में अपने बयान पर सवाल उठाए जाने पर कहा, ‘अगर बच्चे प्रधानमंत्री की शिक्षा पर सवाल पूछेंगे तो आप क्या जवाब देंगे? लोगों को उनकी शिक्षा के बारे में कुछ नहीं पता है. अगर पीएम ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है तो ऐसी कौन सी ताकत है जो उनकी डिग्री रिलीज किए जाने से रोक रही है?’

संजय निरुपम ने बीजेपी की ओर से उठाई गई आपत्तियों पर कहा, ‘सत्ताधारी पार्टी को हर शब्द पर आपत्ति करने की कोई जरूरत नहीं है और ‘लोकतंत्र में प्रधानमंत्री भगवान नहीं होता.’
उन्होंने कहा कि लोग उन्हें संबोधित करते हुए सम्मान का ख्याल रखते हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने जो शब्द इस्तेमाल किए वो अशोभनीय नहीं हैं.