प्रत्यक्ष चुनावों को लेकर छात्र संघों द्वारा प्रदर्शन

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कोरल

चंडीगढ़, 11 सितम्बर:

हरियाणा में छात्र संघ चुनाव करवाये जाने को लेकर विभिन छात्र संघो द्वारा संयुक्त प्रदर्शन किया गया। हरियाणा के विभिन्न छात्र संगठन विधानसभा घेराव के लिए पंचकूला से चंडीगढ़ निकले, लेकिन चंडीगढ़-पंचकूला बॉर्डर पर चंडीगढ़ पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को बैरिकेटिंग कर रोक दिया गया और उसके बाद वाटर कैनन की बौछारें की। प्रदर्शन में इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला और एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा और अन्य छात्र संगठन शामिल हुए। प्रदर्शन की अगुवाई इनसो राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला ने की। सभी छात्र संगठनों की मांग थी की हरियाणा में छात्र संघ के चुनाव प्रत्यक्ष रुप से करवाया जाए, जिसको लेकर छात्रों ने मुख्यमंत्री के नाम का एक ज्ञापन पंचकूला के तहसीलदार को सौंपा, वहीँ इस प्रदर्शन में एबीवीपी से कोई नही पहुंचा।

तहसीलदार वीरेंद्र सिंह ने छात्र संगठनों द्वारा दिये गए ज्ञापन को मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का आश्वासन दिया।

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ज्ञापन सौंपने के बाद इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला ने कहा कि आज जॉइंट कमेटी का प्रत्यक्ष चुनाव को लेकर प्रोटेस्ट हुआ,जिसमे सभी छात्र संगठन एकजुट नजर आए। दिग्विजय ने कहा कि एबीवीपी उन लोगों का संगठन है जो नागपुर संघ कार्यालय के आर्डर पर चलता है और एबीवीपी को हरियाणा के हितों से कोई वास्ता नही। साथ ही दिग्विजय ने एबीवीपी को मोलिस्ट लोगों का संगठन करार दिया। इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय ने कहा कि सरकार निककरधारियों को पदों पर बिठाना चाहती है, जो कतई मंजूर नहीं और सरकार को एकजुटता के आगे झुकना होगा और प्रत्यक्ष चुनाव करवाने होंगे।

 

हरियाणा एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा ने छात्र संघ को प्रत्यक्ष रुप में करवाने की मांग करते हुए कहा कि प्रदेश में 4 साल बीत जाने के बाद मुख्यमंत्री ने छात्र संघ चुनाव का फैसला लिया है, जिसका उनके द्वारा स्वागत भी किया गया, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से चुनाव उन्हें मंजूर नही। बुद्धिराजा ने कहा कि आज हरियाणा में मेयर के चुनाव प्रत्यक्ष रुप से करवाए जा रहे हैं लेकिन छात्र संघ चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से करवाना चाहती है जिस के विरोध में आज में प्रदर्शन किया है। बुद्धिराजा ने कहा कि एबीवीपी को इस प्रदर्शन में आने के लिए निमंत्रण दिया था, शायद सरकार के दबाव के चलते वे नहीं आये।

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