Sunday, December 22

08 सितंबर, 2018

रणदीप सिंह सुरजेवाला, मीडिया प्रभारी, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा जारी बयान :-

41,000 करोड़ रु. के राफेल घोटाले में मोदी सरकार के झूठ का हुआ पर्दाफाश!
भारत के लिए खास Enhancement एनडीए के सौदे और यूपीए के सौदे में एक समान – इसके बाद भी प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री ने झूठ बोला कि Enhancement के कारण प्रति लड़ाकू जहाज का मूल्य 526 करोड़ रु. से बढ़कर 1,670 करोड़ रु. हो गया!!
प्रधानमंत्री मोदी और रक्षामंत्री को अपनी जिम्मेदारी मानकर देश की जनता को जवाब देना होगा!!!

मोदी सरकार अपने खुद के बुने झूठ के जाल में फंस गई है। ‘झूठ बोलना’, ‘सत्य को झुठलाना’ और फिर मुंह छिपाकर पीछे हट जाना मोदी सरकार की गिरगिटी चाल, चेहरा और चरित्र बन चुके हैं। नए खुलासों ने मोदी सरकार की झूठी कहानी के परखच्चे उड़ा दिए। अब यह बिल्कुल साफ हो चुका है कि मोदी सरकार ने:-
1. एक से कॉन्फिगुरेशन के राफेल जहाज तीन गुना ज्यादा मूल्य में खरीदे, यानि कांग्रेस-यूपीए सरकार के कार्यकाल में जिस लड़ाकू जहाज की कीमत 526 करोड़ रु. प्रति लड़ाकू जहाज थी, वही समान कॉन्फिगुरेशन के लड़ाकू जहाज, मोदी सरकार के कार्यकाल में 1670 करोड़ रु. प्रति लड़ाकू जहाज में खरीदे, जिससे सरकारी खजाने को 41,000 करोड़ रु. का नुकसान हुआ;
2. ‘भारत के लिए खास Enhancement’, जो कांग्रेस-यूपीए सरकार के दौरान तय किए गए थे, उन्हीं Enhancements के साथ यह पूरा सौदा नए सिरे से करके भारतीय वायुसेना को राफेल लड़ाकू जहाजों की खरीद में विलंब किया और ‘ट्रांसफर ऑफ टेक्नॉलॉजी’ एवं हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को 30,000 करोड़ रु. के ‘ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट’ का नुकसान उठाया;
3. भारतीय वायुसेना से सलाह लिए बिना ही 126 राफेल लड़ाकू जहाजों से घटाकर केवल 36 लड़ाकू जहाज खरीदने का एकतरफा फैसला करके ‘देश की सुरक्षा’ के साथ समझौता किया;
4. सरकारी कंपनी, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को ‘ट्रांसफर ऑफ टेक्नॉलॉजी’ से दरकिनार कर ‘देशहित’ के साथ खिलवाड़ किया;
5. अपनी कारगुजारियों पर पर्दा डालने के लिए देश की जनता से झूठ बोला!

प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी; रक्षामंत्री, श्रीमती निर्मला सीतारमन एवं वित्तमंत्री, श्री अरुण जेटली ने देश के लोगों से झूठ बोला कि भाजपा सरकार ने जो लड़ाकू जहाज खरीदे हैं, वो ‘भारत के लिए खास Enhancements’ के चलते पिछले लड़ाकू जहाज से अलग हैं। यह झूठ निम्नलिखित द्वारा पकड़ लिया गया:-

1. सार्वजनिक पटल पर मौजूद जानकारी स्पष्ट करती है कि भारतीय वायुसेना (आईएएफ) द्वारा प्रदान की गई, ‘एयर स्टाफ क्वालिटेटिव रिक्वायरमेंट’ (एक्यूएसआर) के अनुसार कांग्रेस-यूपीए सरकार द्वारा जारी 126 लड़ाकू जहाजों के एमएमआरसीए कॉन्ट्रैक्ट के दौरान भारत द्वारा ‘भारत के लिए खास 13 Enhancements’ की मांग की गई थी।

इनमें शामिल हैं:
• राडार Enhancement,
• हेलमेट माउंटेड डिस्प्ले,
• टोड डिकॉय सिस्टम,
• लो बैंड जैमर,
• रेडियो ऑल्टीमीटर एवं,
• ऊँचाई वाली एयरफील्ड से प्रारंभ व संचालित करने की क्षमता।

2. कांग्रेस सरकार द्वारा जारी किए गए कॉम्बैट एयरक्राफ्ट टेंडर में ‘संपूर्ण हथियारों’ एवं ‘ट्रांसफर ऑफ टेक्नॉलॉजी’ का उल्लेख है, जो भाजपा सरकार के सौदे में कहीं नहीं। कांग्रेस सरकार द्वारा जारी आरएफपी में ‘‘प्रारंभिक खरीद, ट्रांसफर ऑफ टेक्नॉलॉजी, लाईसेंस्ड प्रोडक्शन आदि’ का स्पष्ट उल्लेख है (संलग्नक A1, दिनांक, 28 अगस्त, 2007)।
क्या भाजपा यह कहने की कोशिश कर रही है कि भारतीय वायुसेना और कांग्रेस सरकार देश की रक्षा के लिए लड़ाकू जहाज (MMRCA) नहीं, बल्कि मटरगश्ती (Joyride) के लिए जहाज खरीद रही थी?
3. मोदी सरकार का यह दावा कि लागत अतिरिक्त टेक्निकल विशेषताओं के कारण बढ़ी है, बिल्कुल झूठ है। दरअसल, पहले यूपीए-कांग्रेस सरकार और अब मोदी सरकार द्वारा खरीदे जाने वाले राफेल लड़ाकू जहाज अपने ‘संबंधित सिस्टम और हथियारों’ सहित बिल्कुल वही हैं, जो यूपीए-कांग्रेस सरकार के दौरान भारतीय वायुसेना ने जाँचकर अनुमोदित किए थे ।

यह बात फ्रांस के प्रेसिडेंट, श्री ओलांदे एवं प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 10 अप्रैल, 2015 को जारी एक संयुक्त बयान से साबित हो गई, जिसमें कहा गया, ‘‘… कि लड़ाकू जहाज एवं संबंधित सिस्टम और हथियार उसी कॉन्फिगुरेशन के साथ दिए जाएंगे, जो भारतीय वायुसेना द्वारा जाँचे एवं स्वीकृत किए गए हैं…’’ (कृपया संलग्नक A2 देखें)

प्रश्न:-
1. क्या मोदी सरकार, सरकारी खजाने से 41,000 करोड़ रु. ज्यादा दिए जाने का कारण बताएगी- यानि यदि भारत के लिए खास Enhancement (हथियार/एवियोनिक्स/राडार Enhancement आदि) वही हैं, जो आईएएफ ने निर्धारित किए थे, तो प्रति लड़ाकू जहाज 526 करोड़ रु. की जगह 1,670 करोड़ रु. प्रति लड़ाकू जहाज क्यों दिए गए?
2. मोदी सरकार ने भारत में राफेल लड़ाकू जहाज के निर्माण के लिए ‘ट्रांसफर ऑफ टेक्नॉलॉजी’ की तिलांजलि देकर देशहित के साथ खिलवाड़ क्यों किया?
3. प्रधानमंत्री मोदी ने लड़ाकू जहाजों की संख्या 126 से घटाकर 36 क्यों कर दी? इस बारे भारतीय वायुसेना से कोई परामर्श क्यों नहीं लिया गया?
4. 36 लड़ाकू जहाजों की खरीद ‘इमरजेंसी खरीद’ कैसे हुई, जब इसका पहला लड़ाकू जहाज सितंबर, 2019 में आएगा और सभी 36 लड़ाकू जहाज सितंबर, 2022 तक, यानि प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 10 अप्रैल, 2015 को ऑर्डर दिए जाने के 8 सालों बाद भारत में आएंगे और वो भी भारत के लिए खास Enhancements के बिना? चीन और पाकिस्तान की ओर से बढ़ते खतरे को देखते हुए क्या यह भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता नहीं?
5. प्रधानमंत्री मोदी देश की जनता को इन सवालों का जवाब कब देंगे?