अब तक शिवपाल यादव मुलायम सिंह के साथ शांति वार्ता कर रहे थे लेकिन लगता है कि इनके बीच बात बनी नहीं है
समाजवादी पार्टी से अलग होकर अपनी नई पार्टी बनाने की घोषणा कर चुके शिवपाल यादव अब आखिरकार अक्टूबर के मध्य में लॉन्च करेंगे. अब तक वो यादव परिवार के साथ शांति वार्ता कर रहे थे लेकिन लगता है कि इनके बीच बात बनी नहीं है.
सूत्रों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश राजनीति के यादव परिवार में शांति वार्ता पर बात बन नहीं पाई है और शिवपाल सिंह यादव आखिरकार अपनी नई पार्टी समाजवादी सेक्युलर मोर्चा अक्टूबर में लॉन्च कर देंगे.
शिवपाल यादव ने कुछ दिनों पहले ही अपनी नई पॉलिटिकल पार्टी समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के नाम की घोषणा की थी और उन सभी को अपनी पार्टी जॉइन करने का न्योता भेजा था, जिन्हें लगता है कि समाजवादी पार्टी में उन्हें सम्मान नहीं मिलता.
इसके बाद सूत्रों के हवाले से खबर आई थी कि शिवपाल के इस घोषणा के बाद समाजवादी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और मार्गदर्शक मुलायम सिंह यादव ने उनसे बातचीत कर मामला सुलझाने की कोशिश की. वो चाहते थे कि उनके भाई शिवपाल और बेटे अखिलेश यादव के बीच का विवाद खत्म हो जाए. हालांकि, लगता है कि ये दोनों नेता ही झुकने के मूड में नहीं हैं. कहा जा रहा है कि शिवपाल सिंह ने शर्त रखी है कि वो पार्टी में तभी रुकेंगे जब उनको और उनके साथियों को पार्टी में समुचित आदर मिलेगा.
खबर थी कि जब शिवपाल यादव ने अपने पार्टी के नाम की घोषणा की थी, उस वक्त ये खबर भी आई थी कि उन्होंने खुद मुलायम सिंह यादव तक इसमें शामिल होने का न्योता दिया था, जिसे मुलायम ने नकार दिया था. उधर लग रहा है कि अखिलेश यादव भी इस मामले को पूरी तरह से सुलटाने के मूड में हैं.
शिवपाल सिंह ने भी गुरुवार को ऐसी बात कही, जिससे लगता है कि अब वो पीछे मुड़कर देखने वाले नहीं हैं. उन्होंने कहा कि उनकी नई राजनीतिक पार्टी 2019 के लोकसभा चुनावों में अहम भूमिका निभाएंगी. हम बीजेपी के खिलाफ सेक्युलर मोर्चे को मजबूत करेंगे.
शिवपाल धड़े के सूत्रों ने जानकारी दी है कि इस नई पार्टी को मैदान में ले जाने की सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. नामों पर चर्चा की जा रही है और जल्दी ही पार्टी के लिए प्रवक्ता चुन लिए जाएंगे. अक्टूबर के मध्य तक रजिस्ट्रेशन तक का काम पूरा कर लिया जाएगा.
हालांकि समाजवादी पार्टी के नेता इन खबरों पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे और यादव परिवार भी हाथ खड़े कर चुका लगता है, ऐसे में इस डेवलपमेंट से बीजेपी को काफी खुशी होगी. इस सबमें सबसे ज्यादा फायदा बीजेपी को पहुंचेगा.