कालेज के तानाशाही रवैए के विरुद्ध किया प्रदर्शन
प्रत्यक्ष चुनाव की की मांग
कालका :
राजकीय महाविद्यालय कालका में एनएसयूआई के राष्ट्रीय मीडिया कॉर्डिनेटर व प्रदेश सचिव हरियाणा दीपांशु बंसल ने कॉलेज के छात्र छात्राओं को संबोधित कर कालेज में एनएसयूआई को मजबूत करने के लिए,छात्रो को छात्र राजनीति में आगे आने के लिए व छात्र संघ चुनावो का आगाज किया।इसके साथ ही दीपांशु ने छात्रो को प्रत्यक्ष चुनावो के बारे विस्तारपूर्वक बताया तथा भाजपा सरकार की छात्रो के हकों का हनन करने के लिए सरकारी तोते पैदा करने वाली अप्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली के बारे भी बताया।एनएसयूआई के सेकड़ो छात्र नेता,कार्यकर्ताओ को कैम्पस से बाहर नही आने दिया गया बल्कि कुछ छात्र पहले से ही बाहर थे वही दीपांशु ने प्रशासन से आग्रह किया था कि यदि छात्रो को गेट के बाहर न आने का तानाशाही आदेश कालेज प्रशासन का है तो हम छात्रो को बाहर से सम्भोधित कर देते है चूंकि वह केवल साथियो से बात करने के किए 2 मिनट का समय मांग रहे थे परन्तु भाजपा सरकार के दबाव, प्रशासन की तानाशाही व प्रभावशील रवैए से कैम्पस के अंदर वाले छात्रो से बातचीत नही करने दी गई जिसके बाद एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने कॉलेज गेट पर नारेबाजी कर अपना रोष व्यक्त कर प्रदर्शन किया।दीपांशु ने बताया कि एनएसयूआई ने कालका कालेज में एमए की कक्षाएं शुरू करवाई थी, ऑडिटोरियम, खेल ग्राउंड, साइंस ब्लाक का निर्माण करवाया व हाल ही में बंद हुए 8 विषयो को पुनः शुरू करवाया है। एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा के प्रयासों से प्रदेश में छात्र संघ चुनाव बहाल हुए है व जवाब दो हिसाब दो यात्रा के तहत प्रत्यक्ष चुनावो की मांग को उठाया जा रहा है।
दीपांशु ने सम्भोधन में कहा सरकार के अप्रत्यक्ष चुनावो की घोषणा करी है जिससे असल मे छात्र नेता उभर कर नही आ पाएंगे।इसके साथ ही पैसे व राजनीतिक प्रभाव से सरकार तथा प्रशासन आसानी से मनपसिन्दा उम्मीदवार को प्रधान नियुक्त कर सकेंगे जिससे छात्रो की आवाज दब जाएगी व चुनावो का कोई महत्व नही रह जाएगा।प्रदेश सरकार छात्र राजनीति को बहाल करने की आड़ में अपना एजेंडा लागू करना चाहती है। उन्होंने कहा कि दिल्ली, पंजाब व राजस्थान की तर्ज पर सीधा चुनाव करवाने की बजाए कालेज और विश्वविद्यालय प्रबंधन के हस्तक्षेप के साथ विभाग प्रतिनिधि सीआर/डीआर चुनने और उनके माध्यम से अध्यक्ष बनाने की रणनीति पर काम किया जा रहा है।ऐसे में न तो विश्वविद्यालयों से कोई नया छात्र नेता पैदा होगा और न ही विद्यार्थियों की 22 साल पुरानी समस्याओं का समाधान हो सकेगा। इस प्रक्रिया से भाजपा छात्र राजनीति में न केवल सीधा हस्तक्षेप कर रही है बल्कि कालेजों और विश्वविद्यालयों में भी अब अपने ‘तोते’ पैदा करने पर लगी है।जिस तरह से सरकार छात्रों के हितों का गला घोटने की तैयारी कर रही है तो उससे साफ संकेत है कि भविष्य में पंच, सरपंच तथा विधायकों के चुनाव भी अप्रत्यक्ष तरीके से ही करवाए जाएं।सरकार द्वारा छात्र नेताओं के अप्रत्यक्ष चुनाव करवाकर लोकतांत्रिक प्रणाली का कत्ल किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में यह साफ है कि छात्रों की वर्षों पुरानी किसी भी समस्या का समाधान नहीं होगा।
दीपांशु के साथ महेश टिंकू,नीरज कश्यप,देवेंद्र ठाकुर,गौरव,चंदन,सजल पहुंचे व कालका कालेज के छात्र नेता सागर सोनकर,उदित कौशिक,राजन शर्मा,परविंदर,दिव्यांशु रावत,रवि,अंगद,विषभ,राजनदीप,मणि गर्ग ,दिव्या आदि सेकड़ो छात्र मौजूद रहे।