जयपुर:
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से बुधवार को तेहरवां प्रश्न पूछा है कि ‘बिजली की दरें 37 से 70 प्रतिशत तक बढ़ाकर तथा जनता को लूटने के उद्देश्य से प्रमुख शहरों में निजी कम्पनियों को बिजली वितरण देकर और लटकते तारों व जलते ट्रांसफार्मर से लगभग 2500 नागरिकों की मौत हो जाने पर क्या मुख्यमंत्री गौरव महसूस करती हैं?’
पायलट ने कहा कि गत पौने पांच वर्षों में भाजपा सरकार ने प्रत्येक वर्ग के लिए बिजली की दरों में बेतहाशा वृद्धि कर दी है। घरेलू बिजली की दरों में 37 से 70 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर व व्यापारिक व औद्योगिक क्षेत्र की बिजली दरों को दुगुना कर दिया है। उदय योजना को लागू कर प्रदेश की जनता पर 60 हजार करोड़ रुपए का बोझ डाला गया है। बिजली छीजत व चोरी को नियंत्रित करने में भाजपा सरकार बुरी तरह से नाकाम रही है। फीडर रिनोवेशन प्रोग्राम के तहत लाखों ट्रांसफार्मर बदलने के दावों के बावजूद प्रदेश में भाजपा के राज में गत समय में लगभग 2500 निर्दोष लोग व बड़ी संख्या में पशुधन विद्युत कंपनियों की लापरवाही के कारण 11 केवी ट्रांसमिशन लाइन से करंट लगने, ट्रांसफार्मर के फटने व जलने के कारण बेमौत मारे गए हैं। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि इतनी बड़ी तादाद में बेकसूरों की मौत होने पर भी सरकार के स्तर पर किसी भी जिम्मेदार व्यक्ति की इन हादसों के लिए जवाबदेही सुनिश्चित नहीं की गई।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में किसानों को 8 घंटे तीन फेस व सभी ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे सिंगल फेस बिजली देने का वादा किया था, परंतु सत्ता में आते ही वादाखिलाफी कर जनता से कहा गया कि सरकार के पास कोई जादू की छड़ी नहीं है और विभाग की एमआरआई रिपोर्ट प्रमाणित करती है कि 5 से 6 घंटे से भी कम समय तीन फेस बिजली मिलती है, जबकि सिंगल फेस बिजली शहरों में औसतन 16 घंटे व गांवों में केवल 8 घंटे ही मिलती है।