Sunday, December 22


दिल्ली के मुख्य सचिव के साथ कथित मारपीट मामले को लेकर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (होम) मनोज पारिदा के बीच विवाद बढ़ गया है


दिल्ली के मुख्य सचिव के साथ कथित मारपीट मामले को लेकर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (होम) मनोज पारिदा के बीच विवाद बढ़ गया है. दरअसल दिल्ली पुलिस और एडिशनल चीफ सेक्रेटरी का कहना है कि इस केस की पैरवी के लिए तीन विशेष सरकारी वकीलों को नियुक्त किया जानी चाहिए. जब कि दिल्ली सरकार ऐसा नहीं चाहती.

लगा रहे हैं एक दूसरे पर आरोप

पारिदा का कहना है कि सत्येंद्र जैन का पक्ष राजनीति से प्रेरित नजर आ रहा है. वहीं जैन ने पारिदा पर पलटवार करते हुए कहा कि पारिदा ने जो आरोप लगाए हैं, वो झूठे हैं. 21 अगस्त को दिल्ली पुलिस ने गृह मंत्रालय से आग्रह किया था कि अंशु प्रकाश मारपीट मामले में तीन विशेष सरकारी वकील नियुक्त किए जाने चाहिए.

आपको बता दें कि चार्जशीट में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत आम आदमी पार्टी के 11 विधायकों का नाम शामिल है. ऐसे में दिल्ली सरकार तीन अन्य विशेष सरकारी वकीलों की नियुक्ति नहीं चाहती है. केजरीवाल सरकार चाहती है कि उसके अंतर्गत जो वकील इस केस को देख रहे हैं, वही मामले की पैरवी भी करें.

सत्येंद्र जैन से विचार करने को कहा था

पारिदा ने पुलिस का ये आग्रह जैन को भेजा था और मामले की गंभीरता को देखते हुए इसके बारे में विचार करने को कहा था. लेकिन जैन ने तुरंत ही पारिदा को जवाब दिया और प्रस्ताव खारिज कर दिया. सत्येंद्र जैन ने अपने जवाब में कहा, उनके कैडर में जो सरकारी वकील हैं वो इस तरह के कैस हैंडल करने में सक्षम हैं और वही ये केस देखेंगे.

ऊपर से मिले हैं कार्रवाई करने के आदेश

पारिदा ने कहा कि ये गंभीर मामला है, क्योंकि सीएम और डिप्टी सीएम दोनों ही इस मामले में आरोपी हैं. जो वकील चुनी हुई सरकार के अंतर्गत काम कर रहे हैं, उनके लिए इस केस को हैंडल करना मुश्किल होगा. वहीं जैन ने कहा कि एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (गृह) को कड़ी कार्रवाई करने के ऊपर से आदेश दिए गए हैं. लेकिन पटियाला हाउस कोर्ट में सिर्फ वही एडिशनल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर और पब्लिक प्रॉसिक्यूटर मौजूद रहेंगे जो इस मामले में पैरवी कर रहे हैं.