खीर में पंचमेवा की जरूरत को अति पिछड़ा, गरीब और दलित-शोषित लोग पूरा करेंगे, खीर में चीनी शंकर झा आजाद मिलाएंगे, तुलसी दल भूदेव चौधरी के यहां से ले लाएंगे, जुल्लीफार अली के यहां के दरस्तखान ले आएंगे
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों को लेकर सियासी समीकरण तेजी से बदल रहे हैं. एक तरफ जहां कुछ नेता पुराने गिले-शिकवे भुलाकर महागठबंधन में वापस आ रहे हैं, वहीं, कुछ नेता नई चुनावी चाल चल रहे हैं. रविवार को राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने महागठबंधन को लेकर बड़ा बयान दिया. अब राष्ट्रीय जनतांत्रिक दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव ने उपेंद्र को लेकर खुशी जाहिर की है.
तेजस्वी ने बताया पौष्टिक खीर है राजनीति की जरूरत
तेजस्वी ने ट्वीट किया, ‘नि:संदेह उपेंद्र जी, स्वादिष्ट और पौष्टिक खीर श्रमशील लोगों की जरूरत है. पंचमेवा के स्वास्थवर्धक गुण ना केवल शरीर बल्कि स्वस्थ समतामूलक समाज के निर्माण में भी ऊर्जा देता है. प्रेमभाव से बनाई गई खीर में पौष्टिकता स्वाद और ऊर्जा की भरपूर मात्रा होती है. यह एक अच्छा व्यंजन है.’
शनिवार को बीपी मंडल की 100वीं जयंती के मौके पर उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि यदुवंशियों (यादव) के दूध और कुशवंशियों (कोइरी) के चावल मिल जाये तो खीर बनने में देर नहीं लगती है. उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा, ‘हमलोग साधारण परिवार से आते हैं. साधारण परिवार में जिस दिन घर में खीर बनती है तो दुनिया का सबसे स्वादिष्ट व्यंजन माना जाता है. खीर में पंचमेवा की जरूरत को अति पिछड़ा, गरीब और दलित-शोषित लोग पूरा करेंगे. खीर में चीनी शंकर झा आजाद मिलाएंगे. तुलसी दल भूदेव चौधरी के यहां से ले लाएंगे. जुल्लीफार अली के यहां के दरस्तखान ले आएंगे और फिर सभी लोग मिलकर स्वादिष्ट व्यंजन का आनंद लेंगे.’
जेडीयू ने कहा, ‘कहीं खीर से शुगर की बीमारी न हो जाए’
वहीं, महागठबंधन में शामिल होने को लेकर उपेंद्र कुशवाहा के बयान पर जेडीयू ने तंज कसते हुए कहा है कि अगर उपेंद्र कुशवाहा दूध और चावल मिलाकर खीर बनाएंगे तो वह एक मीठा पदार्थ बनेगा. जिससे शुगर की बीमारी हो सकती है. जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि ऐसे में जरूरी है कि मीठा ना खाकर नमकीन खाया जाए जिससे शरीर को कोई हानि नहीं पहुंचती. यानी इशारों ही इशारों में जेडीयू ने भी उपेंद्र कुशवाहा को एनडीए में बने रहने की सलाह दी है.