मछली बेचने के लिए ट्रोल हुई कोच्चि की हननन ने बाढ़ पीड़ितों के लिए दिये डेढ़ लाख


बीते जुलाई को हनान हामिद की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं. इनमें हनान स्कूल यूनिफॉर्म में मछली बेचती नज़र आ रही थीं. सोशल मीडिया पर लोगों ने उन्हें इसके लिए ट्रोल किया था


केरल पिछले 100 सालों में रिकॉर्डतोड़ बारिश की मार झेल रहा है. स्थित इतनी भयावह है कि अब तक मरने वालों की संख्या 368 तक पहुंच चुकी है. केरल की मदद के लिए देश विदेश से अब सहायता आ रही है. देश के कई राज्यों समेत संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और कतर जैसे देशों ने भी केरल की तरफ मदद का हाथ बढ़ाया है. कई नेताओं और जानी-मानी हस्तियों ने भी बाढ़ राहत कार्य के लिए डोनेशन दिया है.

इन सबके बीच केरल के कोच्चि की रहने वाली 21 साल की एक छात्रा सोशल मीडिया पर छाई हुई है. ये हैं कुछ दिनों पहले अपनी पढ़ाई की जरूरतों को पूरा करने के लिए मछली बेचने के लिए सोशल मीडिया पर ट्रोल हुई छात्रा हनान हामिद. हनान ने बाढ़ प्रभावित केरल के मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में 1.5 लाख रुपये का योगदान किया है.

हनान कहती हैं, ‘पढ़ने के लिए जो मैं संघर्ष कर रही हूं उसके सोशल मीडिया पर शेयर होने के बाद कुछ लोगों ने आर्थिक रूप से मेरी मदद की थी. कुल डेढ़ लाख रुपये इकट्ठा हुए थे. यह पैसा मुझे लोगों से मिला था. जरुरतमंदों की मदद के लिए इसे वापस देकर मैं बहुत खुश हूं और अच्छा महसूस कर रही हूं.’

बीते जुलाई को हनान हामिद की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं. इनमें हनान स्कूल यूनिफॉर्म में मछली बेचती नज़र आ रही थीं. इडुक्की जिले के थोडुपुझा में एक निजी कॉलेज में बीएससी की छात्रा हनान के संघर्ष की ये कहानी मलयालम अखबार में प्रमुखता से प्रकाशित हुई थी. जिसके बाद बाकी मीडिया ने भी इसे अपने अखबारों और वेबसाइट में जगह दी थी. हालांकि, सोशल मीडिया में कुछ यूजर्स ने हनान की कहानी पर शक जाहिर किया था और उसे फर्जी करार उन्हें जमकर ट्रोल किया था.

सिर्फ हनान ही नहीं, बल्कि हजारों लोग इस त्रासदी में केरल के लोगों की हर संभव तरीके से मदद कर रहे हैं.

मरीज का इलाज करते हुए खुद निपाह वायरस की चपेट में आने से लिनि पुथुस्सेरी की मौत हो गई थी. लिनि पुथुस्सेरी के पति सजीश ने 25 हजार रुपए की अपनी पहली सैलरी को राहत कोष में जमा कर दिया. केरल सरकार ने नर्स लिनी की निस्वार्थ सेवा के कारण सजीश को नौकरी दी थी.

वहीं कन्नूर जिले के थालास्सरी में रहने वाली साठ वर्षीया रोहिणी ने हजार रुपए की सहायता राशि दी है. रोहिणी अपनी आजीविका 600 मासिक पेंशन पर चलाती हैं और उनकी आय का कोई अन्य स्रोत नहीं है.

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