मुख्य चुनाव आयुक्त ओ पी रावत ने एक साथ चुनाव नहीं करवाने के लिए वीवीपैट मशीनों की कमी का हवाला दिया. साथ ही कहा कि इस फैसले को काफी मजबूती से इसे लागू करना होगा
देश में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव अभी एक साथ नहीं कराए जाएंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त ओ पी रावत ने कहा कि एक साथ चुनाव कराने के लिए कानूनी और संवैधानिक बदलाव करने जरुरी हैं. उन्होंने कहा कि इसके लिए जनप्रतिनिधि कानून को बदलना होगा. इन बदलावों के बाद ही देश में एक साथ चुनाव संभव हैं.
उन्होंने एक साथ चुनाव नहीं करवाने के लिए पर्याप्त संख्या में वीवीपैट मशीनों की कमी का भी हवाला दिया. उन्होंने यह भी कहा कि इस फैसले (एक साथ चुनाव करवाने) को काफी मजबूती से इसे लागू करना होगा.
सोमवार को सूत्रों के हवाले से यह खबर आई थी कि केंद्र सरकार अगले साल होने वाले आम चुनाव के साथ-साथ देश के 11 राज्यों में भी विधानसभा चुनाव करवा सकती है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लंबे समय से लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की बात पर जोर देते रहे हैं. उनके मुताबिक इससे न सिर्फ ऊर्जा और समय की बचत होगी बल्कि देश हमेशा रहने वाले चुनावी मूड से भी बाहर निकलेगा.
बस यूँ ही पूछ लिया,