Saturday, December 21


गजानंद को पाकिस्तान में 2 महीने की सजा दी गई थी. लेकिन काउंसलर एक्सेस नहीं होने के कारण उन्हें 36 साल पाकिस्तान की जेल में बिताना पड़ा


जयपुर से 36 साल पहले लापता गजानंद पाकिस्तान के जेल में बंद थे. सोमवार को पाकिस्तान ने उन्हें रिहा कर दिया. रिहाई के बाद वह भारत पहुंचे. पाकिस्तान के पंजाब से भारतीय नागरिकों को लेकर एक ट्रेन वाघा बॉर्डर पहुंची है. चार महीने पहले अप्रैल में जब पाकिस्तान से उनकी भारतीय नागरिकता से जुड़े दस्तावेज वैरिफिकेशन के लिए आए थे तब उनके परिवार को उनकी जानकारी मिली.

क्या है गजानंद शर्मा की कहानी?

पाकिस्तान ने अपनी जेलों में बंद 29 भारतीय कैदियों को रिहा कर दिया है. इनमें राजस्थान के गजानंद शर्मा भी हैं. गजानंद को पाकिस्तान में 2 महीने की सजा दी गई थी. लेकिन काउंसलर एक्सेस नहीं होने के कारण उन्हें 36 साल पाकिस्तान की जेल में बिताना पड़ा.

पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान सरकार 14 अगस्त को पाकिस्तान स्वतंत्रता दिवस के दिन 29 कैदियों को रिहा करेगा. इनमें 26 मछुआरे शामिल हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कभी भी मानवीय मुद्दों का राजनीतिकरण नहीं करना चाहता.

गजानंद शर्मा को लाहौर की लखपत जेल से रिहा किया गया है. वो जयपुर में फतेह राम का टीबा नाहरगढ़ के रहने वाले हैं. 1982 में गजानंद अचानक लापता हो गए थे. उसके बाद उनका कुछ पता नहीं लगा कि वो कहां गए. दरअसल, 1982 में घर से अचानक लापता हुए गजानंद के बारे में परिजनों को उनके पाकिस्तान जेल में होने की जानकारी उस समय लगी, जब मई में पुलिस अधिकारियों ने परिजनों से गजानंद की राष्ट्रीयता की पुष्टि करने के लिए संपर्क किया.

क्या कहना है घरवालों का?

पाकिस्तानी दस्तावेजों के अनुसार गजानंद ‘फॉरनर्स एक्ट’ में वहां की जेल में बंद थे. कुछ दिन पहले विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह ने गजानंद शर्मा की रिहाई की घोषणा की थी. गजानंद शर्मा की पत्नी मक्खी देवी ने कहा कि पति की रिहाई सुनकर वह बहुत खुश हैं. 7 मई 2018 को उनके जिंदा होने और उनके पाकिस्तान जेल में होने का पता लगा था. उनकी रिहाई को लेकर पूरे गांव में खुशी का माहौल है.

दस्तावेज में गजानंद के गांव का पता जयपुर जिले में सामोद स्थित महार कला गांव बताया गया है. पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि बहुत सालों से गजानन का परिवार जयपुर के ब्रह्मपुरी में रहने लगा है .