Tuesday, November 26


लाडवा में बोले रणदीप, प्रदेश के 52 साल के इतिहास में नहर पाटने वाले खट्टर पहले सीएम

सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री मोदी को बताया झूठों का सरदार

कहा – इनैलो किसानों के लिए नही बल्कि खुद के अस्तित्व को बचाने के लिए लड़ रही और इनैलो भाजपा की बी टीम


लाडवा, कुरुक्षेत्र, 12 अगस्त 2018
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मीडिया इंचार्ज व पार्टी की केंद्रीय कार्यसमिति के सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके चेले मनोहर लाल खट्टर की जोड़ी को देश के इतिहास में सबसे बड़े किसान विरोधी क़रार दिया है।
यहाँ आयोजित जनसभा में उमड़ी भारी भीड़ के बीच सुरजेवाला ने कहा कि गुरू चेले की इस जोड़ी ने देश और प्रदेश के किसानों को कहीं का नहीं छोड़ा। खट्टर को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि वे प्रदेश के ऐसे पहले सीएम हैं जिन्होंने नई नहर बनवाने की बजाय दादुपुर नलवी नहर को पाटने का तुगलकी फ़ैसला कर डाला। इसके लिए प्रदेश के किसान उन्हें कभी माफ़ नहीं करेंगे।

सुरजेवाला ने कहा कि आज पूरे हरियाण प्रांत और पूरे देश के अंदर पीठ और पेट एक करके मिट्टी से सोना पैदा करने वाला किसान व उसके साथ काम करने वाला मजदूर पीडि़त, व्यथित और आंदोलित है। उन्होंने कहा कि जब केन्द्र में भाजपा की सरकार नहीं बनी थी तो नरेन्द्र मोदी ने कुरूक्षेत्र में एक जलसे के दौरान किसानों को वायदा किया था कि भाजपा की सरकार आने पर उनको फसल लागत का 50 फीसदी मुनाफा दिया जाएगा। जब सरकार बनी तो मोदी व खट्टर सरकार ने इस वायदे को भूलाकर किसानों की पीठ पर खंजर घोपने का काम किया। उन्होंने कहा कि यहां तक ही नहीं केन्द्र सरकार ने 22 फरवरी 2015 को सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र देकर कहा था कि वह किसानों को 50 फीसदी मुनाफा नहीं दे सकते। इससे बाजार भाव बिगड़ जाएगा। उन्होंने कहा कि मोदी खट्टर के चार साल में किसानों को बेहाल कर दिया गया है। भाजपा सरकार किसानों की फसल का एमएसपी बढ़ाकर किसान हितैषी होने की छाती पीट रही है, लेकिन वास्तविकता बिल्कुल उलट है।

कृषि मूल्य आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए सुरजेवाला ने कहा कि धान का 50 फीसदी लागत मूल्य लगाया जाए तो किसानेां को 2340 रुपये प्रति क्विंटल मिलना चाहिए था, जबकि सरकार ने केवल 1750 रुपये दिया है। जो भाजपा के वायदे से 590 रुपये कम है। इसी प्रकार ज्वार का लागत मूल्य 3275 रुपये बनता है, लेकिन सरकार ने 845 रुपये कम देकर 2430 रुपये दिया है। कपास का लागत मूल्य 6771 रुपये बनता है, लेकिन सरकार ने घोषणा की 5150 रुपये की, जो 1621 रुपये कम है। ठीक यही हाल मूंग, उड़द, अरहर, सोयाबीन, मूंगफली की फसल का है।

सुरजेवाला ने कहा कि किसान की फसल खराब होती है तो केन्द्र व खट्टर सरकार कहती है कि हमने फसल बीमा योजना लागू की है। इसकी सच्चाई किसी को नहीं बताई। इस सरकार ने खेती बाड़ी पर टैक्स लगाकर 22 हजार करोड़ रुपये एकत्रित कर लिए और किसानों को बीमा के रूप में केवल मात्र 6 हजार 700 करोड़ रुपया दिया गया। 14 हजार करोड़ रुपये देश की 5 बीमा कंपनियों के खाते में चले गए, इनमें से कुछ कंपनियां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चहेती कंपनियां हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना का नाम प्रधानमंत्री फसल बीमा नहीं, बल्कि निजी कंपनी मुनाफा योजना होना चाहिए था।

सुरजेवाला ने कहा कि इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि जब सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र पर टैक्स लगाया गया हो। ट्रैक्टर एव अन्य सभी उपकरणों पर 12 प्रतिशत का जीएसटी टैक्स लगाया गया जबकि टायर, ट्यूब और ट्रांसमिशन पार्ट्स पर 18 प्रतिशत का जीएसटी टैक्स लगाया गया। कीटनाशक दवाइयों पर 18 प्रतिशत, खाद पर 5 प्रतिशत तथा कोल्ड स्टोरेज पर 12 प्रतिशत का जीएसटी लगा दिया गया है। किसानो के आलू को सुरक्षित रखने वाले कोल्ड स्टोरेज पर भी 12 प्रतिशत टैक्स लगाकर किसानों की पीठ में छुरा घोंपने का काम किया गया है। किसान पर टैक्स लगाकर 10 हजार करोड़ रुपए कमा रही है मोदी सरकार। किसानो के आलू के 25 पैसे के भाव पर जब किसान खट्टर सरकार के खिलाफ अपना विरोध प्रकट करते हैं तो उस विरोध का जवाब खट्टर सरकार द्वारा उन्हें पुलिस की लाठियों और गोलियों से दिया जाता है। आज खट्टर सरकार ने इरादाएकत्ल के मुकद्दमे के 47 किसानों को जेल में बंद कर रखा है। क्या इस तरह से ही देश व प्रदेश के किसानो का भला करेगी भाजपा सरकार? इसलिए बदलाव की जरूरत है।

भाजपा पर किसानविरोधी होने का आरोप लगाते हुए सुरजेवाला ने कहा कि इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि जब किसी सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र पर टैक्स लगाया गया हो। भाजपा ने पेट्रोल व डीज़ल पर भारी टैक्स लगाए, जिसके चलते डीज़ल व पेट्रोल आज भी उसी भाव में मिल रहा है, जब कच्चे तेल की कीमतें दोगुना हुआ करती थीं। सुरजेवाला ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 16 मई 2014 को पेट्रोल के भाव 62.93 रु प्रति लीटर और डीजल के भाव 56.71 रु प्रति लीटर थे लेकिन आज साढ़े 4 साल के बाद डीजल 69.56 रु प्रति लीटर यानि डीजल पर 12.85 रु की बढोत्तरी करके भाजपा इस देश पर कुठाराघात कर रही है और इतना ही नही जब कांग्रेस का राज था तब डीजल पर 9.72 प्रतिशत और पेट्रोल पर 21.5 प्रतिशत वैट था लेकिन आज खट्टर सरकार ने डीजल पर 17.22 प्रतिशत और पेट्रोल पर 5 प्रतिशत की बढोत्तरी के साथ 26.25 प्रतिशत की बढोत्तरी करके इस प्रदेश के लोगों की पीठ में छुरा घोंपने का काम किया है। इसी प्रकार केंद्र की मोदी सरकार पेट्रोल और डीजल पर 11 बार एक्साईज डयूटी लगाकर इस देश की जनता से 10 लाख करोड़ रुपए और खट्टर सरकार 18 हजार करोड़ रुपए वसूल रही है। यही भाजपा व कांग्रेस की सोच का फर्क है। भाजपा द्वारा ट्रैक्टर एवं अन्य सभी उपकरणों पर 12 प्रतिशत का जीएसटी टैक्स लगाया गया जबकि टायर, ट्यूब और ट्रांसमिशन पार्ट्स पर 18 प्रतिशत का जीएसटी टैक्स लगाया गया। कीटनाशक दवाइयों पर 18 प्रतिशत, खाद पर 5 प्रतिशत तथा कोल्ड स्टोरेज पर 12 प्रतिशत का जीएसटी लगा दिया गया है। किसानो के आलू को सुरक्षित रखने वाले कोल्ड स्टोरेज पर भी 12 प्रतिशत टैक्स लगाकर किसानों की पीठ में छुरा घोंपने का काम किया गया है।प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को प्राइवेट मुनाफा कम्पनी व किसान शोषण योजना करार देते हुए सुरजेवाला ने कहा कि किसान की फसल खराब होती है तो केन्द्र व खट्टर सरकार कहती है कि हमने फसल बीमा योजना लागू की है। इसकी सच्चाई किसी को नहीं बताई। इस सरकार ने खेती बाड़ी पर टैक्स लगाकर 18 हजार करोड़ रुपये एकत्रित कर लिए और किसानों को बीमा के रूप में केवल मात्र 5600 करोड़ रुपया दिया गया। 14 हजार करोड़ रुपये देश की 7 बीमा कंपनियों के खाते में चले गए, इनमें से कुछ कंपनियां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चहेती कंपनियां हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना का नाम प्रधानमंत्री फसल बीमा नहीं, बल्कि प्राइवेट मुनाफा योजना व किसान शोषण योजना होना चाहिए था।

सुरजेवाला ने कहा कि किसानो के आलू के 25 पैसे के भाव पर जब किसान खट्टर सरकार के खिलाफ अपना विरोध प्रकट करते हैं तो उस विरोध का जवाब खट्टर सरकार द्वारा उन्हें पुलिस की लाठियों और गोलियों से दिया जाता है। खट्टर सरकार ने इरादा-ए-कत्ल के मुकद्दमे के तहत 42 किसानों को जेल में बंद कर दिया व उनके 42 ट्रैक्टर जब्त कर लिए गए और आज भाजपा सरकार की तानाशाही रवैये के कारण प्रतिदिन 46 किसान आत्महत्या कर रहे हैं और मोदी सरकार चंद उधोगपतियों को खुश करने में व्यस्त है। उन्होंने कहा कि यहां तक ही नहीं केन्द्र सरकार ने 22 फरवरी 2015 को सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र देकर कहा था कि वह किसानों को 50 फीसदी मुनाफा नहीं दे सकते। इससे बाजार भाव बिगड़ जाएगा। सुरजेवाला ने कहा कि मेरा सरकार से सवाल है कि जब देश के 12 उद्योगपतियों का 2 लाख 83 हजार करोड़ का कर्जा माफ कर दिया गया तो 62 करोड़ किसान मजदूरों का 2 लाख करोड़ रु क्यों नही माफ हो सकता। सुरजेवाला ने कहा कि जब कांग्रेस का शासन था तो कांग्रेस पार्टी ने इस देश के किसानों का 72 हजार करोड़ रु कर्जा माफ किया।
इनैलो पार्टी को भाजपा की बी टीम करार देते हुए सुरजेवाला ने कहा कि एक तरफ तो इनैलो जनता के हितों की बात करती है तो दूसरी तरफ जब जनता के हितों के लिए मोदी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने की बात आती है तो ये भाजपा के साथ खड़ी हो जाती है। इनैलो और भाजपा आपस में मिली हुई है क्योंकि जब प्रधानमंत्री के अविश्वासमत, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राष्ट्रसेना के चेयरमैन को वोट डालने की बात आए तो इनैलो भाजपा के साथ खड़ी हो जाती है। इनैलो किसानों के लिए नही बल्कि खुद के अस्तित्व को बचाने के लिए लड़ रही है। इस सम्मेलन को पूर्व मंत्री बच्चन सिंह आर्य,ए सी चौधरी,राजकुमार वाल्मीकि,
सुल्तान जडौला,अनिल धण्तोडी़,शिव शंकर भारद्वाज,सुमित्रा चौहान,पवन दिवान साहनी,फूल सिंह बाल्मिकी,
भूपेन्द्र फौगाट,सज्जन सिंह ढूल,सतबीर भाणा,संजीव भारद्वाज,रंजीता मेहता,रणधीर मलिक,सुरेश यूनिसपुर,बलविंदर संधाय,अमन चीमा,लखजीत सिंह लक्खा,रण सिंह देशवाल, प्रवेश राणा,हरजोत सिद्धू ,सरदार नछतर सिंह ,सतीश सांगवान,हरबीर महल,राजेश चौधरी, सुमित चौधरी,आशिश लाम्बा आदि प्रदेश भर से आए अन्य नेताओं ने भी संबोधित किया।

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