संयुक्त राष्ट्र की भेदभाव विरोधी समिति ने उईघर मुस्लिम समुदाय के साथ चीन के बर्ताव पर चिंता जताई है.
संयुक्त राष्ट्र की भेदभाव विरोधी समिति ने उईघर मुस्लिम समुदाय के साथ चीन के बर्ताव पर चिंता जताई है
चीन के मुस्लिम बहुल क्षेत्र उईघर में मुस्लिमों के साथ भेदभाव की खबरें आती रहती हैं. ऐसा भी कहा जाता है कि उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जाता है. अब संयुक्त राष्ट्र ने आशंका जताई है कि चीन में उईघर समुदाय लोगों को सामूहिक रूप से हिरासत में रखा जा रहा है और उनके मानवाधिकारों का हनन किया जा रहा है.
संयुक्त राष्ट्र की भेदभाव विरोधी समिति ने उईघर मुस्लिम समुदाय के साथ चीन के बर्ताव पर चिंता जताई है.
नस्लीय भेदभाव उन्मूलन समिति ने जेनेवा में शुक्रवार को चीन की रिपोर्ट की समीक्षा करनी शुरू की. वहीं चीनी प्रतिनिधिमंडल के नेता यू जिआनहुआ ने आर्थिक प्रगति के साथ ही बढ़ते जीवन स्तर का जिक्र किया.
इस दौरन समिति की उपाध्यक्ष गे मैकडूगल ने कहा कि ‘समिति के सदस्य उन अनेक विश्वस्नीय रिपोर्टों पर चिंतित हैं, जिनमें कहा गया है कि धार्मिक कट्टरपंथ को रोकने और सामाजिक स्थिरता को बनाए रखने के नाम पर (चीन) उईघर स्वायत्त क्षेत्र को ऐसे स्थान में तब्दील कर दिया गया है जो कि किसी बड़े नजरबंदी शिविर की भांति प्रतीत होता है और बेहद गोपनीय है.’
उन्होंने कहा, ‘उईघर तथा अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों को समुदायिक हिरासत में रखे जाने की रिपोर्ट हैं.’
मैकडूगल ने कहा, ‘अनुमान है कि इन तथाकथित अतिवाद निरोधी केन्द्रों में 10 लाख लोगों को रखा गया है वहीं 20 लाख अन्य लोगों को तथाकथित पुनर्शिक्षण केंद्रों में भेजा गया है.’
संयुक्त राष्ट्र में चीन के राजदूत यू ने कहा कि शुक्रवार को उठाए गए प्रश्नों का वह सोमवार के सत्र में जवाब देंगे.
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