आआपा के बागी विधायकों के समूह का नेतृत्व कर रहे खैरा ने 2017 विधानसभा चुनावों में ‘गलत लोगों’ को टिकट देने के लिए भी पार्टी नेतृत्व पर निशाना साधा
आआपा के बागी नेता सुखपाल सिंह खैरा ने आज पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि जब वरिष्ठ नेता अपने ‘अधिकारों’ के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल के कार्यालय पर धरना दे सकते हैं तो स्वायत्तता के लिए उनकी लड़ाई को ‘पार्टी विरोधी’ क्रियालाप क्यों माना जा रहा है.
आआपा के बागी विधायकों के समूह का नेतृत्व कर रहे खैरा ने 2017 विधानसभा चुनावों में ‘गलत लोगों’ को टिकट देने के लिए भी पार्टी नेतृत्व पर निशाना साधा.
उन्होंने कहा कि 2017 के विधानसभा चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन पर गौर करने के लिए विधायक कंवर संधू के नेतृत्व में तीन सदस्यीय समीक्षा समिति गठित की गई है और यह 45 दिन के अंदर रिपोर्ट सौंपेगी.
आआपा की पंजाब इकाई में उस समय से तनाव का माहौल है जब से पिछले महीने खैरा को पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता के पद से हटाया गया था.
खैरा और सात अन्य विधायकों ने आप की पंजाब इकाई को ‘स्वायत्त’ घोषित किया है और वर्तमान संगठन ढांचे को ‘भंग’ किया है.
बागी नेता ने कहा कि वे पार्टी नेतृत्व की ‘धमकियों से’ नहीं डरेंगे और बठिंडा में कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान दो अगस्त को पारित प्रस्तावों के लिए वे प्रतिबद्ध हैं.
खैरा ने स्थानीय आप विधायक जय कृष्ण सिंह रोरी द्वारा आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘एक तरफ दिल्ली के हमारे नेता कहते हैं कि दिल्ली (सरकार) को और अधिकार मिलने चाहिए. उन्होंने उपराज्यपाल कार्यालय में धरना भी दिया. वे क्या मांग कर रहे थे? वे ज्यादा अधिकार और स्वायत्तता मांग रहे थे.’
उन्होंने कहा, ‘लेकिन जब हम यही स्वायत्तता मांगते हैं तो हमें सुनाया जाता है कि अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी क्रियाकलापों के लिए कार्रवाई की जाएगी. क्या यह दोहरा मापदंड नहीं है?’