भारत की पहली ‘ऑल वुमेन स्वाट टीम’ आर स्थिति से निपटने को तैयार
15 महीने की कड़ी ट्रेनिंग के बाद ये स्क्वाड बनाया गया है. इस टीम की एक और खास बात ये है कि टीम में शामिल 36 महिला कॉन्स्टेबल्स नॉर्थ ईस्ट से हैं.
देश भर में ऐसा पहली बार होगा जब किसी पुलिस फोर्स में बस महिलाओं की स्वाट (SWAT) टीम होगी. दिल्ली पुलिस को जल्द ही ऑल वुमन स्वाट टीम मिलने वाली है. गृहमंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को इस टीम को दिल्ली पुलिस फोर्स में आधिकारिक रूप से शामिल करेंगे.
ये प्रोजेक्ट पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक का है. इन्हें देश-विदेश के स्पेशलिस्ट्स ने तैयार किया है. 15 महीने की कड़ी ट्रेनिंग के बाद ये स्क्वाड बनाया गया है. इस टीम की एक और खास बात ये है कि टीम में शामिल 36 महिला कॉन्स्टेबल्स नॉर्थ ईस्ट से हैं.
पटनायक ने कहा है, ‘जब शहरी इलाकों में आतंकी हमलों और होस्टेज क्राइसिस जैसी स्थिति हो तो इस वुमन स्क्वाड की बराबरी कोई नहीं कर सकता. यहां तक कि झरोडा कलन के पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज में इन महिलाओं ने अपने पुरुष साथियों से भी बेहतर प्रदर्शन किया था.’
इस टीम की कुछ खासियतों और फैक्ट्स के बारे में आपको जरूर जानना चाहिए-
– इस टीम की 13 महिलाएं असम, पांच-पांच महिलाएं अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, मणिपुर से, मेघालय से चार, नगालैंड से दो, मिजोरम और त्रिपुरा से एक-एक हैं.
– ये ऑल वुमन स्वाट टीम भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है क्योंकि अभी तक अधिकतर पश्चिमी देशों में भी ऑल वुमन स्वाट टीम नहीं हैं.
– इस टीम को एमपी 5 सबमशीन गन और ग्लॉक21 पिस्टल दिए गए हैं. साथ ही ये महिलाएं इजरायल के अनआर्म्ड सेल्फ डिफेंस फाइटिंग टेक्नीक क्राव मागा में भी ट्रेन्ड हैं.
– इन कमांडोज को सेंट्रल और साउथ दिल्ली में स्ट्रेटजिक लोकेशन्स पर तैनात किया जाएगा. इन्हें पराक्रम नाम से एंटी-टेरर वैन्स भी दिए जाएंगे.
– इन महिलाओं को बिल्डिंग्स पर चढ़ने, बस या मेट्रो में सिचुएशन से निपटने, होस्टेज को निकालने जैसी ट्रेनिंग दी गई है.
– ये कमांडोज अनआर्म्ड कॉम्बैट, एंबुश-काउंटर एंबुश, जंगल ऑपरेशन, अर्बन ऑपरेशन, वीवीआईपी सिक्योरिटी, एक्सप्लोसिव और आईडी के साथ कई तरीके के हथियार इस्तेमाल करने में एक्सपर्ट हैं.
– भाषाई दिक्कत न हो इसके लिए टीम में एक इंस्ट्रक्टर भी रखा गया है.
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