जिला कष्ट निवारण समिति में वीज ने दो अधिकारियों को किया सस्पेंड


-दो पर चली अनिल विज की जांच तलवार

-जिला कष्ट निवारण समिति में दो अधिकारियों को किया सस्पेंड

-पीडब्ल्यूडी विभाग के EX.EN. राजकुमार व पशुपालन विभाग के क्लर्क संजय को किया सस्पेंड


अजय कुमार

10 अगस्त,2018, कैथल :

गुहला विधायक कुलवंत बाजीगर और उसके भतीजे नगरपालिका सचिव अशोक कुमार पर मारपीट करवाने के आरोप लगाने वाले जन स्वास्थ्य विभाग के एसडीओ वेदपाल श्योकंद को स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने सस्पेंड कर दिया। उनके खिलाफ केस दर्ज करके गिरफ्तारी करने के आदेश भी एसपी को दिए। एक अन्य शिकायत में डिलीवरी के बाद बच्चे की मृत्यु के एक मामले में लापरवाही बरतने पर स्वास्थ्य विभाग की दो नर्स, एक चालक और एक टेक्नीशियन को भी सस्पेंड करने के आदेश दिए हैं। विज शुक्रवार को कैथल में कष्ट निवारण समिति की बैठक लेने आए थे।

विज ने जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से यह भी पूछा कि काम करने के लिए विभाग में कितना रेट (रिश्वत) चल रहा है। जवाब में विभाग के एसई अनिल कुमार पाहवा ने कहा कि कोई रेट नहीं है। विज ने कहा कि आप झूठ बोल रहे हैं। एसई ने एसडीओ के खिलाफ की गई कार्रवाई पर भी छानबीन के बाद ही पर्चा दर्ज करने और सस्पेंड करने की गुजारिश की, लेकिन मंत्री नहीं माने।


लापरवाही के लिए दो नर्स सहित चार सस्पेंड

मंत्री विज ने गांव कौल निवासी विकास कुमार की शिकायत पर स्वास्थ्य विभाग की दो नर्स, एक एंबुलेंस चालक और एक इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन को सस्पेंड करने के आदेश भी सिविल सर्जन को दिए। समिति में पिछले वर्ष 14 नवंबर को यह शिकायत दी गई थी। इसकी जांच एसडीएम कैथल और प्रबुद्ध सदस्य शैली मुंजाल, मोहित राठी कर रहे थे। जांच में चारों को लापरवाही बरतने का आरोपी पाया गया है।


औरंगजेब का राज अच्छा था : एसडीओ

एसडीओ ने अपना पक्ष रखने का पुरजोर प्रयास किया, लेकिन विज ने एक नहीं सुनी। एसडीओ ने मंत्री के सामने ही फाइल लहराते हुए यहां तक कहा कि आपसे के राज से तो औरंगजेब का राज अच्छा था। यहां तो सरेआम लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकारों का हनन हो रहा है। जिस पर विज खफा हो गए और उन्होंने तुरंत एसडीओ को बाहर करते हुए गिरफ्तार करने के आदेश दिए। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने एसडीओ को हाल से बाहर कर दिया। हालांकि मंत्री ने यह भी कहा कि अगर आरोप झूठे हुए तो शिकायतकर्ता के खिलाफ वह खुद पर्चा दर्ज करवाएंगे और उनको जेल भिजवाएंगे।


विधायक से नहीं जुड़ा मामला 

शिकायतकर्ता दिग्विजय ¨सह का कहना है कि वह जन स्वास्थ्य विभाग का ठेकेदार है। उनका मामला तो 30 मार्च से कष्ट निवारण समिति में लंबित था। विधायक, उसके भतीजे और एसडीओ के बीच चल रहा विवाद कुछ दिन पुराना है। उनकी शिकायत तो एसडीओ के वर्क आर्डर देने के लिए 20 प्रतिशत रिश्वत मांगने के आरोप थे। इस पर मंत्री ने कार्रवाई करते हुए उन्हें सस्पेंड किया है।

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