Sunday, December 22

यमुनानगर।

हरियाणा की खट्टर सरकार में जब पुलिस वाले भी सुरक्षित नही है तो आम इंसान की क्या गारन्टी ली जा सकती है। बदमाशों के हौंसले इस कदर बुलंद हो चुके हैं कि किसी पर भी गोलियां बरसाना उनके लिए बच्चों का खेल बन चुका हैं। बुधवार रोहतक में एक सब-इंस्पेक्टर की गोली मारकर हत्या की बात अभी सुर्खियों से उतरी भी नहीं थी, कि देर रात नारायणगढ़ सीआईए स्टाफ में तैनात एक और पुलिस कर्मचारी को गोलियों से भून दिया गया। पुलिस कर्मचारी विशाल शर्मा जैसे ही यमुनानगर स्थित अपने घर पहुंचा, बदमाशों ने उसपर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। बुरी तरह से घायल पुलिस कर्मचारी अस्पताल के आइसीयू में जिंदगी औऱ मौत के साथ संघर्ष कर रहा हैं। हमलावर बड़ी आसानी से पुलिस की आंखों में धूल झोंककर फरार हो गए।

हरियाणा में कानून-व्यवस्था आईसीयू में सिसकियां भर रही हैं। बदमाशों के आगे कानून के रखवाले खुद की रक्षा करने में भी असमर्थ नजऱ आ रहें हैं। आखिर कारण क्या हैं कि प्रदेश में बदमाशो के हौंसले दिन-प्रतिदिन इस कदर बुंलद होते जा रहें हैं कि उन्हें ना तो खाकी का खौफ रहा हैं और ना ही कानून का डर। आईसीयू में जिंदगी और मौत के साथ संघर्ष कर रहा विशाल शर्मा हरियाणा पुलिस की नारायणगढ़ सीआईए में तैनात हैं। विशाल के दोस्त आदित्य ने बताया कि विशाल ने उसकी डोर-बेल बजाकर उसे बोला कि उसे गोलियां लगी हैं। जिसके बाद वह उसे अस्पताल ले आया और पुलिस को इस बारे सूचना दी।

आदित्य के बयानों पर पुलिस ने बदमाशों की तलाश में पूरे जिले की नाकाबंदी कर दी हैं। लेकिन ऐसे में सवाल खड़े हो रहें हैं कि कावड़ यात्रा के दौरान पहले से ही जिले के चप्पे-चप्पे पर पुलिस का कड़ा पहरा हैं, और अगर इतने पहरे में बदमाश पुलिस कर्मचारी को गोली मारकर साफ निकल जाते हैं तो नाकाबंदी के क्या नतीजें निकलेंगे। इसका अंदाजा भी लगाया जा सकता हैं। गौरतलब हैं कि बुधवार को रोहतक में भी बदमाशों द्वारा एक सब-इंस्पेक्टर को गोली मारकर मौत के घाट उतारा गया। 24 घंटों के भीतर बदमाशों का पुलिस पर यह दूसरा गोलीकांड हैं। इस मामले को लेकर सभी अधिकारी मीडिया को फेस करने से कतरा रहें हैं। जिसके साफ सकेंत हैं कि जिस प्रदेश में खुद पुलिस सुरक्षित नहीं रही वहां आम आदमी की जान-माल की हिफाज़त राम भरोसे ही चल रही हैं।