केईडीएल कम्पनी और सरकार की मिलीभगत के कारण की जा रही गड़बड़ियों में सुधार किए जाने की मांग को लेकर बीते चार दिन से अनशन कर रहे कार्यकर्ताओं को भारत वाहिनी की युवा विंग के प्रदेश अध्यक्ष सुधांशु जैन और प्रदेश पदाधिकारी आशीष तिवाड़ी ने ज्यूस पिलाकर अनशन तुड़वाया।
युवा वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष सुधांशु जैन ने बताया कि कोटा शहर अध्यक्ष मनीष शर्मा और युवा वाहिनी अध्यक्ष अभिनव शर्मा दोनों पदाधिकारी पिछले 4 दिनों से केईडीएल कम्पनी और सरकार की मिलीभगत के कारण की जा रही गड़बड़ियों में सुधार किए जाने की मांग को लेकर अनशन कर रहे थे। दोनों को ज्यूस पिलाकर अनशन तुड़वाया।
वाहिनी के प्रदेश पदाधिकारी आशीष तिवाड़ी ने कहा कि इस सरकार में कोई भी सुनने वाला नहीं है। आदरणीय घनश्याम तिवारी अपने कार्यकर्ताओं की बहुत चिंता करते हैं। इसलिए उन्होंने आदेश दिया है कि अनशन को समाप्त करके जन-जन तक इस मुद्दे को लेकर जाएं।
चुनाव में ही जनता इस सरकार को जवाब देगी। उन्होंने आगे कहा कि भारत वाहिनी पार्टी राजस्थान में ऊर्जा स्वाधीनता का कार्य करेगी, जिसमें किसानों और घरेलू बिजली को शुल्क मुक्त किया जाएगा।
युवा वाहिनी के प्रदेश संगठन महामंत्री अंकित शर्मा ने कहा कि जिस प्रकार आजादी से पहले भगत सिंह, राजगुरु और अन्य क्रांतिकारियों ने जेल में अनशन किया था। आज वैसी ही तानाशाही सरकार, राजस्थान के अंदर बनी हुई है। इसके लिए 4 दिन से दो कार्यकर्ता अनशन पर बैठे लेकिन इस सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है।
इस दौरान युवा वाहिनी के प्रदेश प्रवक्ता कविराज सेठी, मनीष सिंघानिया, सुनीश शशि, अजय भट्ट और वाहिद मुलतानी समेत अनेक कार्यकर्ता अनशन स्थल पर मौजूद थे।
घनश्याम तिवाडी को लेकर बीजेपी प्रदेश में पैदा कर रही है भ्रम की स्थिति
जयपुर। भारत वाहिनी पार्टी के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य बुद्धि प्रकाश बैरवा ने कहा कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व राजस्थान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के काले कारनामे से वाकिफ हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव वसुंधरा राजे के नेतृत्व में लड़ने से न केवल विधानसभा चुनाव बल्कि लोकसभा चुनाव में भी हार सुनिश्चित है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व को डर है कि वसुंधरा राजे केंद्रीय नेतृत्व के पुराने काले कारनामे उजागर कर सकती है, इसी कारण वो वसुंधरा राजे पर कार्यवाही करने से डर रहे हैं।
डॉ बुद्धि प्रकाश बैरवा ने कहा कि घनश्याम तिवाड़ी भाजपा से त्यागपत्र दे चुके हैं और भाजपा आलाकमान के पास राजस्थान में वसुंधरा राजे के विकल्प के तौर पर घनश्याम तिवाड़ी के अलावा कोई नेता नहीं है। अत: केंद्रीय नेतृत्व को डर है कि राजपूत-एससी समाज की नाराजगी के बाद कहीं ब्राह्मण समाज भी पार्टी से नाराज हो जाए ओर पार्टी का मूल वोट बैंक खिसक जाये।
प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य डॉ बैरवा ने कहा कि प्रदेश की जनता में भाजपा भ्रम की स्थिति पैदा करना चाहती है कि घनश्याम तिवाड़ी अब भी भाजपा में ही हैं। जबकि उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि नई पार्टी बनाकर उसकी सदस्यता ग्रहण करते ही पुरानी पार्टी की सदस्यता स्वत: ही समाप्त हो जाती है। आम जनता भाजपा के ये नापाक मंसूबे जान चुकी है और अब भारत वाहिनी पार्टी व घनश्याम तिवाड़ी को समर्थन देने का मन बना लिया है।