गुरुवार को राज्यसभा के उपसभापति के लिए हुए उपचुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार बीके हरिप्रसाद, एनडीए प्रत्याशी हरिवंश से हार गए
राज्यसभा के उपसभापति के लिए हुए चुनाव में एक बार फिर विपक्ष को हार का मुंह देखना पड़ा है. इस हार के बाद सोनिया गांधी ने कहा कि कभी हम जीतते हैं और कभी हार होती है. कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ चुकी सोनिया फिलहाल यूपीए चेयरपर्सन हैं.
एनडीए की तरफ से जेडीयू के राज्यसभा सदस्य हरिवंश उपसभापति पद के लिए उम्मीदवार थे. गुरुवार को उन्हें इस पद के लिए चुना गया. उन्हें विपक्ष की ओर से कांग्रेस के उम्मीदवार बी के हरिप्रसाद को मिले 105 मतों के मुकाबले 125 मत मिले.
हरिवंश के पक्ष में जेडीयू के आरसीपी सिंह, बीजेपी के अमित शाह, शिव सेना के संजय राउत और अकाली दल के सुखदेव सिंह ढींढसा ने प्रस्ताव किया. वहीं हरिप्रसाद के लिए बीएसपी के सतीश चंद्र मिश्रा, आरजेडी की मीसा भारती, कांग्रेस के भुवनेश्वर कालिता, एसपी के रामगोपाल यादव और एनसीपी की वंदना चव्हाण ने प्रस्ताव पेश किया.
नेता सदन अरुण जेटली, नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार और संसदीय कार्य राज्यमंत्री विजय गोयल ने हरिवंश को बधाई देते हुए उन्हें उपसभापति के निर्धारित स्थान पर बिठाया. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरिवंश को शुभकामनाएं देते हुए उनके अनुभव के हवाले से उनके निर्वाचन को सदन के लिए गौरव का विषय बताया.
सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि हरिवंश को बीजेपी गठबंधन पार्टियों के 91 सदस्यों के अलावा तीन नामित सदस्यों और निर्दलीय अमर सिंह का वोट मिला. इसके अलावा उन्हें गैर एनडीए दलों-एआईएडीएमके के 13, टीआरएस के छह, इनेलो के एक सदस्य का समर्थन मिला. बीजेडी के 9 सांसदों ने भी हरिवंश को वोट किया. कुल मत 123 हुए लेकिन कहा जा रहा है कि दो निर्दलीय सांसदों ने भी एनडीए के पक्ष में वोट किया जिससे कुल आंकड़ा 125 बैठता है. वाईएसआर कांग्रेस के दो सदस्य वोटिंग से गैर-हाजिर रहे.