imprint के 112करोड़ की लागत के 122 शोध प्रस्तावना मंजूर

 

नई दिल्ली, 05 अगस्त 2018,

उच्च शिक्षा संस्थानों में अनुसंधान को आगे बढ़ाने के लिए, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने आईएमपीआरआईएनटी-II के तहत 112 करोड़ रुपये की लागत से 122 नई शोध परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है, जिसमें ऊर्जा, सुरक्षा, स्वास्थ्य, उन्नत सामग्री, आईसीटी और सुरक्षा / रक्षा शामिल है।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने एक बयान में कहा, “2145 प्रस्तावों में से, आईएमपीआरआईएनटी-II के तहत वित्त पोषण के लिए 122 सर्वश्रेष्ठ प्रस्तावों का चयन किया गया था, जो उच्च स्तर की प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने की क्षमता रखते हैं।”

प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि मंजूर की गई 122 नई आईएमपीआरआईटी परियोजनाओं में से 81 उद्योग द्वारा प्रायोजित हैं…… यह उद्योग-अकादमिक जगत का सहयोग अनुसंधान की दिशा में नई उत्कृष्टता लाएगा। उन्होंने कहा कि अनुसंधान परियोजनाओं की प्रगति की निगरानी और निष्कर्ष के लिए अक्टूबर 2018 में ज्ञान पोर्टल शुरू किया जाएगा।

चयनित नए शोध परियोजना प्रस्तावों में: 35 (आईसीटी); 18 (उन्नत सामग्री), 17 (स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी), 12 (ऊर्जा सुरक्षा); 11 (सुरक्षा और रक्षा); 9 (सतत आवास); 7 (जल संसाधन और नदी प्रणाली); 5 (पर्यावरण और जलवायु); 4 (विनिर्माण); और 4 (नैनो प्रौद्योगिकी) शामिल हैं।

प्रकाश जवाड़ेकर ने कहा कि आईएमपीआरआईटीटी प्रस्ताव अब उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए खुले हैं जिनमें निजी संस्थान भी शामिल हैं, इससे प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा होगी और हमें अच्छे परिणाम मिलेंगे।

आईएमपीआरआईएनटी अपनी तरह की एमएचआरडी समर्थित पैन-आईआईटी + आईआईएससी की संयुक्त पहल का अच्छा उदाहरण है, जिसके द्वार अब निजी संस्थानों के लिए भी खुल गए हैं। इससे मुख्य रूप से विज्ञान और इंजीनियरिंग की चुनौतियों का समाधान करने में एक नई ऊर्जा का संचार होगा और हमारे देश भारत को और अधिक सशक्त बनाने के लिए, सक्षम और समृद्ध बनाने और आत्मनिर्भर बनाने में एक नये तरीके का प्रयोग नई ताकत प्रदान करेगा।

आईएमपीआरआईएनटी व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करता है जो उन क्षेत्रों में अनुसंधान का मार्गदर्शन करता है जो मुख्य रूप से सामाजिक रूप से प्रासंगिक हैं।

आईएमपीआरआईएनट-I के तहत 142 परियोजनाओं का कार्यान्वयन चल रहा है। इन परियोजनाओं को मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अलावा कई मंत्रालयों, परिषदों और विभागों से समर्थन प्राप्त है।

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