Thursday, December 26


  • कच्चे कर्मचारियों को पक्का होते देखा था, भाजपा राज में पहली बार पक्के कर्मचारियों को कच्चा होते देखा गया

  • · भाजपा सरकार की कमजोर पैरवी के कारण हजारों अनियमित कर्मचारियों का भविष्य अधर में लटका

  • · नयी नीति बना सरकार कच्चे कर्मचारियों को करे पक्का


चंडीगढ़, 6 अगस्त। सांसद दीपेन्द्र सिंह हुड्डा ने आज लोकसभा में पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा 2014 से पहले की नियमितीकरण नीति रद्द किये जाने के मुद्दे पर सरकार को घेरा। उन्होंने सरकार के समक्ष माँग रखी की सरकार एक नीति बना कर कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने का काम करे। उन्होंने कहा कि देश में बढ़ती बेरोजगारी की प्रष्ठभूमि में यह अत्यन्त महत्वपूर्ण मामला है जिसपर सरकार को तुरन्त ध्यान देना चाहिये।

सांसद ने कहा कि हमने कच्चे कर्मचारियों को पक्का होते तो देखा है मगर भाजपा राज में यह पहला उदाहरण है जब पक्के कर्मचारियों को कच्चा होते देखा गया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार की कमजोर पैरवी की वजह से 2014 में हुड्डा सरकार द्वारा लागू की गयी तीन नियमितीकरण नीतियाँ न्यायालय द्वारा 31 मई 2018 को रद्द कर दी गयीं और लगभग 5 हजार कर्मचारियों को पूरी योग्यता होने और पूरी पारदर्शिता के तहत भर्ती होने के बावजूद भी दोबारा अनियमित कर दिया गया है। उन्होंने सरकार के समक्ष पुरजोर माँग रखी कि हरियाणा समेत देश भर के लगभग 20 लाख अनियमित कर्मचारियों के हितों की रक्षा हेतु सरकार एक नीति लाये जिससे इन कर्मचारियों को नियमित कर उनका रोजगार बचाया जा सके।

उन्होंने कहा कि चुनाव पूर्व भाजपा ने दो करोड़ लोगों को नौकरी देने का वादा किया था मगर पिछले साढ़े चार साल में नये रोजगार मिलना तो दूर की बात लोगों को अपनी नौकरियाँ, चाहे सरकारी क्षेत्र हो या निजी क्षेत्र, बचाना मुश्किल हो रहा है।