Sunday, December 22

दिल्ली में मुजफ्फरपुर रेप कांड पर एकजुट दिखा विपक्ष, क्या होगा अंजाम!


इस मुद्दे को लेकर राज्य के साथ-साथ केंद्र सरकार पर हमला करना और कटघरे में खड़ा करना साफ दिखा रहा है कि विपक्ष अब सरकार को एकजुट होकर घेरने की तैयारी में है

यह धरना प्रदर्शन लेकर दिल्ली आने वाले तेजशवी यादव के तार सीधे सीधे अनैतिक देह व्यापार (देह व्यापार हमेशा ही अनैतिक रहा है) में लिप्त मणि प्रकाश यादव से जुड़े हैं। (कहीं यह उस मुद्दे से ध्यान भटकने कि एक कमजोर कोशिश तो नहीं?

वही दिल्ली, वही जंतरमंतर, वही बलात्कार की पीड़ा, वही धारना प्रदर्शन। इस बार फर्क सिर्फ इतना था कि धरने पर आने वाले लोगों ने मोमबत्तियाँ जलाईं और नितीश एवं मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया। बलात्कार जैसे विषयों पर राजनीति न करने कि सलाह देने वालों ने जंतरमंतर पर जम कर राजनीति की।

निर्भ्या कांड के दौरान दिल्ली का हर युवा, प्रोढ़, वृद्ध क्या स्त्री क्या पुरुष सभी ने न्याय की गुहार लगाई, पानी की तोपों, लाठीयों डंडों क्या काय नहीं झेला, हफ्तों भर दिल्ली सुलगती रही, राहुल गांधी मौन रहे, मौन तो क्या किसी को दिखाई भी नहीं पड़े, ओर आज जंतर मंत्र पर मोमबत्ती जलाए खड़े हैं


सब कुछ लूटा के होश में आए तो क्या किया

दिन में अगर चराग जलाए तो क्या किया।

अरविंद केजरीवाल आज तक के दिल्ली के सबसे विवादास्पद मुख्यमंत्री, निर्भ्या कांड के दोषी को बाल गृह से बाहर निकलने पर वोटबंक की खातिर 25000 रुपए, सिलाई मशीन इत्यादि भेंट किए। उन्हें भी बिहार में हुई निर्मम, निर्लज्ज घटनाओं  पर बहुत क्षोभ है।उन्होने दिल्ली वासियों से कहा कि वह तेजशवी के धरने मे शामिल हो कर उनके धरने को सार्थक करें, और खुद भी दल बल सहित वहाँ मंच सांझा किया।

बलात्कार एक दर्दनाक धब्बा है जो स्त्री कि आत्मा तक को घायल कर देता है, घायल देह, विदीर्ण आत्मा सामाजिक अपमान झेलती स्त्री के दर्द को कब समझेंगे 

 

दिल्ली के जंतर-मंतर पर तेजस्वी यादव की अगुआई में सभी विपक्षी दलों का जमावड़ा लगा था. बिहार के मुजफ्फरपुर में शेल्टर होम में नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म का मुद्दा गरम है और विपक्ष इस मुद्दे को लेकर बिहार की नीतीश सरकार के अलावा केंद्र की सरकार पर भी हमलावर है. विपक्ष इस मुद्दे को गरमाए रखना चाहता है. आलम यह है कि पटना में धरना-प्रदर्शन और सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने के बाद अब दिल्ली में भी विरोध का बिगुल फूंका गया.

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की अगुआई में दिल्ली के जंतर मंतर पर सभी विरोधी पार्टियों के बड़े नेता पहुंचे थे. सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, सीपीआई नेता डी राजा, शरद यादव, टीएमसी से दिनेश त्रिवेदी, आप से संजय सिंह और सोमनाथ भारती, आईएनएलडी से दुष्यंत चौटाला समेत कई पार्टियों के नेता मंच पर मौजूद थे.

लेकिन, मंच पर तेजस्वी के धरने प्रदर्शन को समर्थन देने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल  गांधी का आना यह साबित कर गया कि इस वक्त मोदी विरोधी धड़े को मजबूती देने के लिए सभी विरोधी दल कुछ भी करने को तैयार हैं.

विपक्ष कि एकजुटता मात्र राजनैतिक

भले ही मुद्दा बिहार के मुजफ्फरपुर से जुड़ा है. लेकिन, इस मुद्दे को लेकर राज्य के साथ-साथ केंद्र सरकार पर हमला करना और कटघरे में खड़ा करना साफ दिखा रहा है कि विपक्ष अब सरकार को एकजुट होकर घेरने की तैयारी में है. धरने में शामिल होने आए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मुजफ्फपुर की घटना को लेकर देश भर की महिलाओं के हालात को लेकर चिंता जताई.

उन्होंने कहा कि ‘हम केवल 40 बच्चियों के लिए नहीं बल्कि हिंदुस्तान की सभी महिलाओं के लिए यहां आए हैं.’ एक बार फिर राहुल गांधी ने बीजेपी –आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘एक तरफ बीजेपी-आरएसएस की सोच तो दूसरी तरफ पूरा हिंदुस्तान है और यह बात पीएम और उनकी पार्टी को भी दिखाई देगी.’

New Delhi: RJD leader Tejashwi Prasad Yadav addresses during a protest over the issue of alleged sexual abuse at a government-funded shelter home in Muzaffarpur district, in New Delhi on Saturday, Aug 4, 2018. (PTI Photo/Kamal Kishore) (PTI8_4_2018_000207B)

तेजस्वी यादव ने भी इस मुद्दे पर नीतीश कुमार पर जमकर हमला किया. तेजस्वी ने साफ शब्दों में कहा कि ‘इस मामले में दोषी लोग सत्ता के करीब थे लिहाजा कोई कार्रवाई नहीं हुई. तेजस्वी ने कहा कि मेरी भी सात बहनें हैं, मैं रात भर सो नहीं पाता.’ इस मुद्दे पर उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम खुला खत भी लिखकर उनके इस्तीफे की मांग की है.

कुमार से इस मुद्दे को लेकर नैतिकता के आधार पर इस्तीफा  मांग दिया. उधर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस मुद्दे पर तीन महीने के भीतर कार्रवाई कर दोषियों को फांसी की सजा दिए जाने की मांग कर दी.

नीतीश के सुशासन बाबू की छवि तोड़ना चाहते हैं तेजस्वी

दरअसल, यह मुद्दा बिहार में काफी तूल पकड़ता जा रहा है.आरजेडी की तरफ से लालू यादव के वारिस तेजस्वी यादव ने पूरी तरह से मोर्चा संभाल रखा है. तेजस्वी ने बिहार विधानसभा के भीतर भी इस मुद्दे पर जोरदार विरोध दर्ज कराया. बिहार में इस घटना के विरोध में जमकर मोर्चेबंदी की.

लेकिन, अब दिल्ली में पहुंचकर मुजफ्फरपुर की घटना को बिहार के बाहर राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की तैयारी से साफ है कि आरजेडी हर हाल में नीतीश कुमार की उस छवि को तोड़ना चाहती है, जिसके दम पर वो सुशासन बाबू के नाम से जाने जाते हैं.

New Delhi: (L-R) CPI leader D Raja, RJD leader Tejashwi Prasad Yadav, Loktantrik Janata Dal leader Sharad Yadav and Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal during a protest over the issue of alleged sexual abuse at a government-funded shelter home in Muzaffarpur district, in New Delhi on Saturday, Aug 4, 2018. (PTI Photo/Indraneel Chowdhury)(PTI8_4_2018_000223B)

आरजेडी को लगता है कि नीतीश कुमार की बेहतर छवि पर सवाल खड़ा करने से बिहार और बिहार के बाहर पूरे देश भर में इसका फायदा उसे ही मिलेगा. लालू-राबड़ी शासनकाल में बिहार में जंगलराज का हवाला देकर नीतीश कुमार ने बेहतर शासन का विकल्प देने का वादा किया था. ऐसे में अब पलटवार आरजेडी की तरफ से हो रही है. इस तरह की घटनाओं को जोर-शोर से उठाकर आरजेडी दिखाने की कोशिश कर रही है कि नीतीश कुमार बेहतर शासन देने में विफल रहे हैं, इस उम्मीद में कि अब अगले चुनाव में जनता नीतीश के चेहरे को बदल दे.

लेकिन, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कर डैमेज कंट्रोल की कोशिश शुरू कर दी है. लेकिन, लगता है इस मुद्दे पर विरोधियों से अभी तकरार  जारी रहने वाली है. इस मुद्दे पर सियासी बवाल भी जारी रहेगा. लेकिन, बार-बार दुष्कर्म की इस हृदय विदारक घटना पर सियासत नहीं करने की बात करने वाले सभी दल अपनी सियासत ही चमकाने में ज्यादा लगे हैं.