Sunday, December 22


सरकार ने विपक्ष के उन आरोपों का भी खंडन कर दिया जिसमें कहा गया था कि जस्टिस जोसेफ को 2016 के फैसले की वजह से टॉरगेट किया जा रहा है


सुप्रीम कोर्ट के कई जज सरकार से परेशान हैं क्योंकि सरकार ने जस्टिस केएम जोसेफ की नियुक्ति से संबंधित अधिसूचना में उनकी वरिष्ठता में बदलाव किया है. एनडीटीवी के मुताबिक जज योजना बना रहे हैं कि वह चीफ जस्टिस दीपक मिश्र से मुलाकात करके केंद्र द्वारा किए जा रहे हस्तक्षेप पर शिकायत दर्ज कराएंगे.

सरकार की अधिसूचना के मुताबिक जस्टिस जोसेफ को जस्टिल इंदिरा बनर्जी और विनीत सरन से निचले पद पर रखा गया है. एक जज ने कहा कि यह केंद्र सरकार का बहुत गहरा दखल है, जस्टिस जोसेफ का नाम पहले भेजा गया था और उनका नाम अधिसूचना में सबसे पहले होना चाहिए. लेकिन जस्टिस जोसेफ का नाम तीसरे स्थान पर रखा गया और उन्हें बाकी दो जजों से जूनियर बनाया जा रहा है. जबकि जस्टिस इंदिरा बनर्जी और विनीत सरन का नाम जस्टिस जोसेफ के बाद भेजा गया था.

कोलेजियम ने जनवरी में एक स्लॉट के लिए जस्टिस जोसेफ का नाम दिया था, लेकिन सरकार ने अन्य राज्यों, विशेष रूप से केरल से शीर्ष अदालत में अपर्याप्त प्रतिनिधित्व का हवाला देते हुए इस विकल्प पर सवाल उठाया. सरकार ने विपक्ष के उन आरोपों का भी खंडन कर दिया जिसमें कहा गया था कि जस्टिस जोसेफ को 2016 के फैसले की वजह से टॉरगेट किया जा रहा है, इस फैसले ने 2016 में उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन को रद्द कर दिया था और कांग्रेस को सत्ता में रहने में मदद की थी.

बता दें कि कोलेजियम के रिटायर होने के बाद जस्टिस जोसेफ के नाम को सरकार ने स्वीकार कर लिया था. तीनों जज (जस्टिस इंदिरा बनर्जी, विनीत सरन और केएम जोसेफ) मंगलवार को शपथ ले सकते हैं.