-एचआईवी पीडि़त मामले में महिला आयोग पहुंचा पीजीआई
-निदेशक कार्यालय में की गई पूछताछ
-वार्ड का भी किया दौरा
रोहतक, 30 जुलाई: महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती प्रतिभा सुमन व बाल कल्याण समिति के चेयरमैन डॉ राजसिंह सांगवान ने पी.जी.आई.एम.एस. रोहतक का दौरा किया।
पिछले कई दिनों से मीडिया व लोगों के संदेशों के माध्यम से महिला आयोग की चेयरमैन ने स्वयं संज्ञान लेते हुए, बाल कल्याण समिति के चेयरमैन को फोन के माध्यम से इस जांच में शामिल होने के निर्देश दिये। पी.जी.आई. रोहतक के निदेशक कार्यालय में लगातार 2:30 घण्टे की चली जांच में यह निकल कर आया कि प्रथम दृष्टा ने कहीं ना कहीं अस्पताल प्रशासन की लापरवाही रही। उसके बाद जिस बैड पर वह एच.आई.वी. पीडि़त महिला दाखिल थी उस वार्ड का दौरा किया गया।
उसके बाद जहां पर उक्त / पीडि़त महिला व दोनों बच्चे लगातार बिना इलाज के एक सप्ताह तक रहे उस जगह का भी दौरा किया गया। उसके बाद चूंकि महिला और पुरूष दोनों एच.आई.वी. पीडि़त थे, इसलिए वार्ड नं. 26 स्थिति ए.आर.टी. सैन्टर का भी दौरा किया गया। ए.आर.टी. सैन्टर में कोई डॉ हरियाणा एड्स कन्ट्रौल सोसाइटी की तरफ से नियुक्त नहीं पाया गया जोकि अपने आपमें एक बहुत बड़ी खामी है।
पी.जी.आई. प्रशासन द्वारा ही समय पर ए.आर.टी. सैन्टर में ही ड्यूटी लगाई जाती है। बार-बार डॉ. बदलने से मरीजों में विश्वास की कमी रहती है जिसकी वजह से वह अपनी बातें खुलकर नहीं बता सकते। एच.आई.वी. पीडि़त महिला मरीजों केलिए एक सी.डी. फॉर कन्टरी की एक मात्रा मशीन है जो वह भी पीडि़त पाई गई। अस्पताल में मरीज ही नहीं मशीन भी पीडि़त पाई जाती है। इस जांच में एन.जी.ओ ‘‘नेटवर्क फॉर पीपल’’ सुरेन्द्र कादयान, और मिस्टर थोमस को भी शामिल किया गया। उन्होंने बताया गया कि अस्पताल प्रशासन इस पूरे मामले की पूरी लिपा-पोती में लगा हुआ है। इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष डॉ. राज सिंह सांगवान की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी का गठन होगा, जिसमें एक प्राईवेट डॉक्टर, एक पुलिस अधिकारी, महिला आयोग के सदस्य और डब्ल्यू.सी.डी. की तरपफ से कानून विशेषज्ञ शामिल होगी। इस वेफ साथ-साथ टीम ने हरिओम सेवादलआश्रम में जाकर बच्चियों का वुफशल अक्षय वेफ बारे में पूछा। इस मौके पर अस्पताल के रजिस्ट्रार डॉ. एच.के. अग्रवाल और डॉ. नित्यानन्द, डॉ. संदीप आदि मौजूद रहे।