Saturday, December 21


तृणमूल कांग्रेस सूत्रों के अनुसार ममता का 31 जुलाई को दिल्ली आने और तीन दिन तक राष्ट्रीय राजधानी में रुकने का कार्यक्रम है 


 

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित सेंट स्टीफन कॉलेज में होने वाले एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने और छात्रों के साथ संवाद करने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बुलाने की अनुमति प्राचार्य ने नहीं दी है. हालांकि, तृणमूल कांग्रेस ने इसे आरएसएस और भाजपा की साजिश करार दिया है.

कॉलेज की एक सोसाइटी की ओर से आयोजित किया जाने वाला यह कार्यक्रम एक अगस्त को होगा. सूत्रों ने बताया कि ममता का इस कार्यक्रम में हिस्सा लेना लगभग तय था लेकिन प्राचार्य ने इसकी अनुमति नहीं दी और न्यौता उन्हें नहीं भेजा गया.

कालेज के प्लानिंग फोरम ने महाविद्यालय प्रशासन को आनलाइन आग्रह किया था कि एक अगस्त को होने वाले कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बुलाया जाए लेकिन कुछ कारणों से यह आगे नहीं बढा .

सूत्रों ने बताया कि बाद में उन्होंने पत्र लिख कर ममता को बुलाने की अनुमति मांगी लेकिन प्राचार्य ने इसकी अनुमति नहीं दी. हालांकि, टिप्पणी के लिए कालेज के प्राचार्य जान वर्गिस से संपर्क नहीं हो सका.

तृणमूल कांग्रेस सूत्रों के अनुसार ममता का 31 जुलाई को दिल्ली आने और तीन दिन तक राष्ट्रीय राजधानी में रुकने का कार्यक्रम है. पार्टी सूत्रों के अनुसार ममता की योजना जनवरी में कोलकाता में एक रैली की है . इसी रैली में विपक्षी दलों को शामिल होने का न्योता देने वह यहां आ रही है .

इस बीच कोलकाता में, तृणमूल कांग्रेस नेताओ ने कॉलेज के कार्यक्रम में शामिल नहीं होने की अनुमति नहीं मिलने के पीछे भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का हाथ बताया है और कहा है कि उनकी (ममता) आवाज को दबाया नहीं जा सकता है .

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता तथा राज्य सभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने बताया, ‘पहले, अमेरिका के शिकागो में विवेकानंद समारोह, इसके बाद उनकी चीन यात्रा और अब सेंट स्टीफन. ममता बनर्जी ने बीजेपी और संघ को बेचैन कर दिया है. उन्हें प्रयास करने दीजिए, उनकी (ममता) आवाज को बंद नहीं किया जा सकता है.


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