कांग्रेस ने राफेल विमान सौदे को ‘ग्रैंड मदर ऑफ ऑल द करप्शन’ करार दिया और दावा किया कि यह सब ‘राजनीतिक रूप से कम अनुभव वाली’ रक्षा मंत्री के कंधे पर बंदूक रखकर किया जा रहा है
कांग्रेस ने शनिवार को राफेल विमान सौदे को ‘ग्रैंड मदर ऑफ ऑल द करप्शन’ (भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा मामला) करार दिया और दावा किया कि यह सब ‘राजनीतिक रूप से कम अनुभव वाली’ रक्षा मंत्री के कंधे पर बंदूक रखकर किया जा रहा है.
पार्टी ने एक निजी समूह की रक्षा कंपनी को राफेल से जुड़े कांट्रैक्ट मिलने पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जिस कंपनी को ‘काली सूची’ में होना चाहिए उसे इतना बड़ा कांट्रैक्ट क्यों दिया गया है.
कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल ने संवाददाताओं से कहा, ‘देश के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि एक प्रधानमंत्री के तहत चार साल में तीन रक्षा मंत्री हुए हों. मोदी जी के कार्यकाल में चार साल में तीन रक्षा मंत्री आ चुके हैं. अरुण जेटली जी आए, उन्होंने देखा कि मोदी जी मेरे कंधे पर बंदूक रख रहे हैं, बचके निकल गए. मनोहर पर्रिकर जी आए, मौका ढूंढा, अपने राज्य में चले गए.’
उन्होंने कहा, ‘मौजूदा रक्षा मंत्री के पास अभी बड़ा राजनीतिक अनुभव नहीं है. निर्मला जी के कंधे पर गन नहीं, तोप रखकर यह कराया जा रहा है. राफेल सौदा ‘ग्रैंड मदर ऑफ ऑल द करप्शन’ है.’
कांग्रेस और राहुल गांधी राफेल डील में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए मोदी सरकार पर लगातार हमले कर रहे हैं. कांग्रेस ने इसी मामले में प्रधानमंत्री मोदी और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ लोकसभा में विशेषाधिकार हनन का नोटिस दे रखा है. पार्टी का आरोप है कि राफेल विमानों की कीमत बताने के संदर्भ में मोदी और सीतारमण ने सदन को गुमराह किया है.