कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने के लिए खट्टर सरकार अध्यादेश लाये- सुरजेवाला

वार्षिक वेतन बढ़ौतरी, प्रमोशन, एलटीसी, सीसीएल सुविधाएं रोकना कर्मचारी विरोधी मानसिकता
कांग्रेस सरकार बनने पर सभी एडहॉक, कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के साथ किया जाएगा पूरा न्याय


चंडीगढ़, 28 जुलाई

वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भाजपा सरकार द्वारा प्रदेश के 4,654 कर्मचारियों की वार्षिक वेतन बढ़ौतरी, प्रमोशन, एलटीसी, सीसीएल सुविधाएं बंद करने के कर्मचारी विरोधी निर्णय को वापस लेते हुए अध्यादेश लाकर और विधानसभा का मॉनसून सत्र में बिल के माध्यम से ऐसे सभी प्रभावित कर्मचारियों को नियमित करने की मांग की है।
खट्टर सरकार पर वायदा खिलाफी का आरोप लगाते हुए श्री सुरजेवाला ने याद दिलाया की सरकार ने पहले इन कर्मचारियों को आश्वासन दिया था कि उनको रेगुलर करने के लिए अध्यादेश लाया जाएगा, लेकिन अब वायदे से पलटते हुए सरकार ने इन कर्मचारियों के भत्ते व सुविधाएं रोककर साफ कर दिया है कि यह सरकार झूठ व फरेब की नीति अपना रही है।
श्री सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हरियाणा के अस्थाई कर्मचारियों का दु:ख दर्द समझती है और दु:ख की इस घड़ी में उनके साथ खड़ी है।यदि भाजपा सरकार ने अस्थाई कर्मचारियों को उनका हक नहीं दिया तो आठ महीने के बाद कांग्रेस सरकार बनने पर सभी एडहॉक, कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के साथ न्याय किया जाएगा।
श्री सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा सरकार की नीयत शुरू से ही ठीक नहीं थी और अपना राजनीतिक उल्लू साधने के लिए कर्मचारियों के भविष्य से खेल रही थी, जिसके कारण 2014 में पहले सरकार ने इस पॉलिसी पर रोक लगाई और बाद में हरियाणा सरकार के एडवोकेट जनरल कार्यालय ने भी इन रेगुलाइजेशन पॉलिसियों पर दिए गए अपने लीगल ओपिनियन में गलत तथ्यों का हवाला देकर इन पॉलिसियों को कानून के खिलाफ बताया था। इससे साफ हो जाता है कि इस सरकार का असली मकसद शुरू से ही हजारों अस्थाई कर्मचारियों को रेगुलर होने से वंचित रखना था।
श्री सुरजेवाला ने कहा कि खट्टर सरकार कर्मचारियों का आश्वासन देती रही कि अध्यादेश व एक्ट लाकर कर्मचारियों की नौकरी बचाई जाएगी, लेकिन अब इसी खट्टर सरकार ने अपने वायदे से पलटते हुए कर्मचारियों की सभी सुविधाएं व भत्ते रद्द कर दिए हैं। सरकार का यह कदम कर्मचारी विरोधी नज़रिये को जाहिर करता है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार की मंशा साफ है तो सरकार को तुरंत विधानसभा का सत्र बुलाकर इन कर्मचारियों की नौकरी बचाए तथा अन्य कर्मचारियों को भी रेगुलर करे।

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