हाफ़ीज़ का हाफ़िज़ खुदा
आतंकी हाफिज सईद का दावा था कि उसके सभी प्रत्याशी इन चुनावों में जीतेंगे, लेकिन पाकिस्तान की जनता ने उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया
जब पाकिस्तान में चुनाव आईएसआई ओर आर्मी करवाती है तो आतंकी हाफिज़ की वास्तविक स्थिति विचारणीय है
आतंकी हाफ़ीज़ को पाकिस्तानी आवाम ने नकार दिया है तो फिर वह कौन हैं जो इसकी मजलिसों में जा कर अल्लाह – ओ – अकबर के नारे लगाते हैं
साल 2008 मुंबई हमले का मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा चीफ हाफिज सईद को पाकिस्तान आम चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा है. आतंकी हाफिज सईद की पार्टी अल्लाह-ओ-अकबर तहरीक (एएटी) के सभी उम्मीदवार चुनाव हार गए हैं. हाफिज सईद ने 260 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे.
इस चुनाव में हाफिज का बेटा और दामाद भी किस्मत आजमा रहा था. लेकिन दोनों अपनी-अपनी सीट बुरी तरह से हार गए. बेटा हाफिज तल्हा सईद लाहौर से 200 किलोमीटर दूर सरगोधा सीट से चुनाव लड़ रहा था. हाफिज सईद यही का रहने वाला है.
आतंकी हाफिज सईद का दावा था कि उसके सभी प्रत्याशी इन चुनावों में जीतेंगे. लेकिन पाकिस्तान की जनता ने उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया. हाफिज सईद ने लोगों से अपील कि थी कि वो ‘पाकिस्तान की विचारधारा’ के लिए मतदान करे.
हाफिज सईद ने मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) के बैनर तले अपने प्रत्याशियों को मैदन में उतारा था. लेकिन बाद में चुनाव आयोग की ओर से मान्यता देने से इनकार कर दिया गया था. इसके बाद हाफिज सईद ने अल्लाह-ओ-अकबर के बैनर तले अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतारा.
जमात-उद-दावा को अमेरिका ने जून 2014 में आतंकी संगठन घोषित किया था. ये संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा था जिसने साल 2008 में मुंबई हमले को अंजाम दिया था. अमेरिका ने सईद पर एक करोड़ डॉलर का इनाम भी घोषित कर रखा है.
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