Sunday, December 22


सरकार ने निजी जानकारियों की सुरक्षा के नियम कायदे पर सुझाव देने के लिए जुलाई 2017 में 10 सदस्यीय समिति गठित की थी


सूचनाओं की गोपनीयता के संरक्षण के संबंध में रूपरेखा तैयार कर रही उच्च स्तरीय समिति ने शुक्रवार को सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी. समिति ने निजी जानकारियों की सुरक्षा , सूचनाओं के प्रसंस्करण का दायित्व, लोगों के अधिकार और उल्लंघन पर जुर्माना आदि के बारे में सुझाव दिए हैं.

जस्टिस बीएन श्रीकृष्ण की अध्यक्षता वाली समिति ने सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री रवि शंकर प्रसाद को रिपोर्ट सौंपी. संवेदन शील और विवादास्पद प्रकृतिक के इस काम को काफी विचार – विमर्श के साथ पूरा करने में एक साल लगे.

प्रसाद ने कहा, ‘यह एक बड़ महत्वपूर्ण कानून है. हम इस पर विस्तृत संसदीय विचार विमर्श कराना चाहेंगे. हम चाहते हैं कि भारतीय सूचना संरक्षण कानून वैश्विक स्तर पर आदर्श बने जो सुरक्षा , निजता एवं नवाचार को बढ़ावा देने वाला हो.’ उन्होंने कहा कि रिपोर्ट को मंत्रालयों के बीच परामर्श तथा मंत्रिमंडल एवं संसद की मंजूरी की प्रक्रिया से गुजरना होगा.

जस्टिस श्रीकृष्ण ने कहा कि निजता का विषय एक ज्वलंत मुद्दा हो गया है और इस कारण इसे संरक्षित रखने की कोशिश हर कीमत पर की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट के तीन पहलू हैं – नागरिक, राज्य और उद्योग. उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट पहला कदम है . प्रौद्योगिकी में बदलाव होने से उसके साथ कानूनों को उसके अनुकूल बनाए रखना जरूरी हो गया है.

सरकार ने निजी जानकारियों की सुरक्षा के नियम कायदे पर सुझाव देने के लिए जुलाई 2017 में 10 सदस्यीय समिति गठित की थी.