देश और प्रदेश में बहुत सी रैलियां होती है , सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी रैलियों में पूरा जोर लगा देती है । हमने मोदी की रैलियां भी सोशल मीडिया और मीडिया के माध्यम से देखी है ,अमित शाह की जींद रैली भी देखी ।
जिसमे पूरी बीजेपी ने जोर लगा रखा था फिर भी 70%कुर्सिया खाली थी । ये नज़ारा भी सबने देखा
और दूसरा नज़ारा चौटाला परिवार की रैलियां देखी जिसमे लोग आते 1500 । और दिखाने की कोशिश होती थी 30 हज़ार। ये नौटंकी भी हरियाणा की जनता ने सभी जिलो में देखा नकली हाज़री का ।
हमने और प्रदेश की जनता ने एक और अद्भुत नज़ारा देखा गया। जहा जिस जिले में भूपिंदर सिंह हुड्डा ने रैल्ली की तो किसी भी पंडाल में कुर्सिया नहीं लगायी । लोगों ने खड़ी रैली की । मंडियों के शेड्स में भीड़ में तिल रखने की जगह नहीं मिली और जनता ने खड़े होकर सुना । जनक्रांति यात्रा की चारोँ चरणों की रैलियों में शेड्स से ज्यादा भीड़ बाहर धुप में खड़ी रही । शेड्स में जगह नहीं मिल पायी । हम उदाहरण के तौर पर टोहाना की ही फ़ोटो डाल रहे हैं। एक में शेड्स से बहार का अद्भुत नज़ारा है और दूसरी में शेड्स के अंदर का नज़ारा है। जिसमे हुड्डा साब जनता का अभिवादन स्वीकार कर रहे है ।
आप देख सकते है और तुलना कर सकते है… दूसरी पार्टीयो की रैल्लियो से ..और ……अनुमान लगा सकते है…. परिवर्तन की लहर किस और बह रही है……हरियाणा के चारों ओर…..