Tuesday, December 24

 

प्रधानमंत्री पद के लिए मायावती और ममता बनर्जी के नाम पर कांग्रेस की सहमति पर संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार का कहना है, ‘ये कांग्रेस की हताशा को दर्शाता है. जिस दिन वर्किंग कमेटी ने राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर चयनित किया था. हमने उसी दिन कहा उनकी उम्मीदवारी  के लिए कोई सहमति नहीं होगी.’

उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस की साथी पार्टियों में इस कारण विकट परिस्थिति शुरू हो गई है. जब ऐसी स्थिति पैदा होती है तो निराश होकर कोई भी प्रधानमंत्री बने, कैसे भी बने तो हम उसका समर्थन करेंगे. यही स्थिति कांग्रेस की हो गई है.’

वहीं राफेल डील को लेकर प्रधानमंत्री और रक्षामंत्री के खिलाफ कांग्रेस पार्टी द्वारा विशेषाधिकार हनन लाए जाने के नोटिस पर संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार का कहना है कि विशेषाधिकार हनन का नोटिस संसद के नियमों के हिसाब से होता है.

अगर कांग्रेस विशेषाधिकार हनन लाती है तो उसका कोई स्टैंड नहीं करेगा. प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री के खिलाफ जो विशेषाधिकार हनन लाने की बात कर रहे हैं, उसमें कोई दम नहीं है. इससे कांग्रेस के लिए अजीब सी स्थिति उत्पन्न हो जाएगी.

संसद में जब विशेषाधिकार हनन का नोटिस आता है वो संसद की नियमावली के सूझ-बूझ और ज्ञान, विवेक के हिसाब से देते हैं. हर बार इस तरीके से विशेषाधिकार हनन का नोटिस इस्तेमाल करने का प्रावधान नहीं है. लेकिन बिना सूझ-बूझ और बिना विवेक के कांग्रेस जहां कोई विशेषाधिकार का हनन नहीं है, कोई विशेषाधिकार हनन का कोई मुद्दा ही नहीं बनता है, वहां पर नोटिस दे रही है. तो एक और बार खुलासा होगा कि जो संसदीय प्रक्रिया है उसकी कमी कांग्रेस में.