उनके पुराने ट्वीट्स को ट्विटर पर रिट्वीट किया जा रहा है, जिनमें उन्होंने टीएमसी को जमकर कोसा है
हाल ही में बीजेपी छोड़ टीएमसी का दामन थामने वाले पूर्व सांसदको उनके पुराने ट्वीट्स को लेकर कई तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल उनके पुराने ट्वीट्स को ट्विटर पर रिट्वीट किया जा रहा है, जिनमें उन्होंने टीएमसी को जमकर कोसा है. अपनी नई पार्टी के खिलाफ पुराने ट्वीट्स से संबंधित सवाल को उन्होंने ट्रोल्स का हथकंडा बताया.
उन्होंने कहा ‘जो मैने पांच-छह साल पहले लिखा, वो अभी जरूरी कैसे हो सकता है. यह सिर्फ ट्रोल्स का हथकंडा है मुझे परेशान करने के लिए. हां मैने कुछ बयान जरूर दिए थे क्योंकि में बीजेपी का वरिष्ठ नेता और बंगाल में उम्मीदवार था. लेकिन हर किसी के पास अपनी सोच और विचार बदलने का अधिकार है.’ लेकिन उनके इन विचारों से इतर लोग उनके पढ़ें ऐसे ही कुछ ट्वीट्स.
अप्रैल 2014 में लोकसभा चुनावों के समय ट्वीट किया था, ‘टीएमसी के गुंडों के आतंक के शासनकाल को रोकने के लिए चुनाव आयोग को दक्षिणी पश्चिम बंगाल में तुरंत केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को तैनात करना चाहिए.’
30 अप्रैल को उन्होंने ट्वीट किया था, ‘हुगली लोकसभा सीट के धनीखली सेगमेंट में टीएमसी ने मतदान के दौरान बुरी तरह से धांधली की है.’
पिछले दिनों बीजेपी का दामन छोड़ कर मित्रा ने चार अन्य नेताओं के साथ टीएमसी का दामन थाम लिया था. इनमें समर मुखर्जी, अबू ताहिर, सबीना यासमीन और अखरुज्जमां शामिल हैं.पिछले दिनों बीजेपी का दामन छोड़ कर मित्रा ने चार अन्य नेताओं के साथ टीएमसी का दामन थाम लिया था. इनमें समर मुखर्जी, अबू ताहिर, सबीना यासमीन और अखरुज्जमां शामिल हैं.