आरजेडी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शंकर चरण त्रिपाठी ने अविश्वास प्रस्ताव के दौरान राहुल गांधी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गले लगाने की आलोचना की थी जिसपर पार्टी ने उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें निकाल बाहर किया
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अक्सर बीजेपी और एनडीए के निशाने पर रहते हैं लेकिन अब यूपीए के ही एक सहयोगी पार्टी के नेता ने उनपर सवाल उठाया है.
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के अनुसार राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के राष्ट्रीय प्रवक्ताने अविश्वास प्रस्ताव के दौरान लोकसभा में राहुल गांधी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गले लगाने पर तंज कसा. आरजेडी नेता ने पीएम मोदी को गले लगाने को लेकर राहुल की आलोचना की.
मामला सामने आने के बाद आरजेडी ने शंकर चरण त्रिपाठी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी से निष्काषित कर दिया है.
मायावती ने कहा कि बसपा में अनुशासनहीनता को ना तो पहले कभी बर्दाश्त किया है और ना ही आगे कभी इसे सहन किया जाएगा। इसीलिए पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व नेशनल कोआर्डिनेटर जयप्रकाश सिंह को पहले सभी पार्टी पदों से हटाया गया और अब बसपा से भी निकाल दिया गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को व्यक्तिगत तौर पर आक्षेप करते हुए उन्हें ‘गब्बर सिंह भी कहा था। पार्टी सुप्रीमो ने कहा कि बसपा को सत्ताधारी पार्टी भाजपा कतई नहीं बनने देना है, जो सत्ता के लालच व अहंकार में आकर मर्यादाओं की हर सीमा को लांघने में लगी हुई है। हालांकि जयप्रकाश को बाहर का रास्ता दिखाने की कार्रवाई तब की गई, जब कांग्रेस ने इसकी आलोचना की।
क्या है पूरा मामला-
मायावती ने हाल ही में जयप्रकाश सिंह को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ दिए बयान के चलते उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय कॉर्डिनेटर पद से हटा दिया था। जयप्रकाश सिंह ने बयान दिया था कि राहुल गांधी कभी भी देश के प्रधानमंत्री नहीं बन सकते हैं क्योंकि उनकी मां विदेश मूल की हैं। जिसके बाद मायावती ने कहा था, ‘मुझे बीएसपी के राष्ट्रीय कॉर्डिनेटर जयप्रकाश सिंह के भाषण के बारे में पता चला है जो बीएसपी की विचारधारा के खिलाफ है। साथ ही, उन्होंने विरोधी पार्टी नेतृत्व के खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणी की है। क्योंकि यह उनकी व्यक्तिगत राय है, उन्हें पार्टी के पद से फौरन प्रभाव से हटाया जा रहा है।’
आरजेडी के मायावती की ही तरह इस मामले में त्वरित कार्रवाई करने को यूपीए की सहयोगी आरजेडी के डैमैज कंट्रोल की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.