500 – 700 किलोमीटर का सफर नतीजा ‘सिफर’
पंचकूला, 22 जुलाई:
आम आदमी पार्टी का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी अब सुनियोजित ढंग से घपलों को अंजाम दे रही है। जिसका जीता जागता उदाहरण पिछले दिनों आरटीआई कार्यकर्ता जगजीत द्वारा मांगी गई आरटीआई में हुआ कि इसके मंत्री एक एक दिन में 500 से 700 किलोमीटर से भी ज्यादा का सफर अपनी सरकारी कारों से करते रहे हैं।
आज यहां जारी एक ब्यान में आआपा के जिला प्रधान योगेश्वर शर्मा ने कहा कि हरियाणा सरकार से इस संबंध में मांगी गई आरटीआई के मिले जबाव के अनुसार हरियाणा के मंत्री इतने व्यस्त हैं कि वे दिन में 15 घंटे तक तो सडक़ पर अपनी कार में ही सफर करते रहते है । उनके शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा की कार 14 माह में 3 . 40 लाख किलोमीटर चली। यानि मंत्री महोदय दिन में औसतन 709 किलोमीटर का सफर तय करते हुए रोजाना सडक़ों पर ही रहे। ऐसे में यह कहा जा सक ता हैं कि मंत्री जी केवल अपने विधानसभा हल्के से चंडीगढ़ आए और यहां हाथ लगाया और वापिस चल दिए। उन्होंने यहां किसी से कोई बातचीत नहीं की और न ही कोई बैठक की,क्योंकि उनके पास ऐसा करने के लिए समय जो नहीं था। उनको रोजाना अपने 709 किलोमीटर का सफर जो तय करना था। उन्होंने कहा कि खुद मंत्री ने चैनल को इस संबंध में दिए एक इंटरव्यू में कहा कि उनका विधानसभा हल्का काफी दूरी पर है इस लिए इतना सफर तो हो ही जाता है । योगेश्वर शर्मा ने कहा कि मंत्री इस हिसाब से दिन में 15 से 16 घंटे तक सफर करते रहे, और उनकी कार में औसतन 4000 रुपये रोजाना का डीजल फुंकता रहा। जबकि उनके मुख्यमंत्री की कार 1.10 लाख किलोमीटर ही चली। यानि कि मुख्यमंत्री की कार रोजाना 300 किलोमीटर तक ही चली। आआपा जिला प्रधान ने कहा कि आरटीआई में हुए खुलासे से यह बात भी सामने आई है कि हरियाणा के ज्यादातर मंत्री पांच सौ से साढ़े पांच सौ किलोमीटर तक का सफर अपनी सरकारी कार से करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि इतनी मारामारी होने के बावजूद विकास कहां खो गया इसकी किसी को भी जानकारी नहीं है । उन्होंने कहा कि हरियाणा के आमजन की खून पसीने की कमाई को इन मंत्रियों ने किस तरह बेदर्दी से पानी की तरह बहाया है इससे बड़ा सबूत और क्या हो सकता है । यह घपला नहीं तो और क्या है,जबकि प्रदेश में इस फूंके गये बेतहाशा डीजल का कहीं कोई कारगार परिणाम सामने देखने को नहीं मिला है। राज्य की जनता त्राहिमम त्राहिमम कर रही है । हर एक कर्मचारी अपनी अपनी मांगों को मनवाने के लिए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले रखता है । उन्होंने प्रदेश के राज्यपाल से इस मामले में हस्ताक्षेप करते हुए इस बर्बाद किए गये धन की वसूली इन मंत्रियों से करवाये जाने की मांग की है।
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