चंडीगढ़। पंचकुला सी बी आई अदालत में आज मानेसर जमीन घोटाले की सुनवाई हुई, जहां पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंदर सिंह हुड्डा पेश हुए। इस दौरान आरोपी पक्ष द्वारा सीबी आई से जरूरी दस्तावेज की मांग की गई। हालांकि इस मामले में चार्जशीट की स्क्रूटनी जारी है। मामले की अगली सुनवाई 10 अगस्त को होगी। वहीं पेशी पर अदालत पहुंचे हुड्डा ने मीडिया से बातचीत न करते हुए तलख तेवर दिखाए।
ये है मामला…
सीबीआई द्वारा 15 अगस्त 2015 को पूर्व सीएम हुड्डा व अन्य के खिलाफ भादंसं की धारा 420, 465, 467, 471, 120 बी व पीसी अधिनियम 1998 के तहत मानेसर पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया था। सीबीआइ की टीम जांच में जुटाए दस्तावेजों से भरी 2 अलमारियों के साथ पंचकूला अदालत में जिनमें करीब 80 हजार पेजों की चर्जशीट सीबीआई अदालत में जमा करवा चुकी है। इस मामले में ईडी ने भी हुड्डा के खिलाफ सितंबर 2016 में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। ईडी ने हुड्डा और अन्य के खिलाफ सीबीआई की एफआइआर के आधार पर आपराधिक मामला दर्ज किया था। इस मामले में आरोप है कि अगस्त 2014 में निजी बिल्डरों ने हरियाणा सरकार के अज्ञात जनसेवकों के साथ मिलीभगत कर, गुड़गांव जिले में मानसेर, नौरंगपुर और लखनौला गांवों के किसानों और भूस्वामियों को अधिग्रहण का भय दिखाकर उनकी करीब 400 एकड़ जमीन औने-पौने दाम पर खरीद ली थी। उल्लेखनीय है कि मानेसर के पूर्व सरपंच ओमप्रकाश यादव ने इस घोटाले के बारे में शिकायत की थी। बाद में राज्य सरकार की सिफारिश पर यह मामला सीबीआई को सौंपा गया। शिकायतकर्ता के मुताबिक तत्कालीन सरकार के अफसरों और बिल्डरों के बीच गठजोड़ रहा है।