Sunday, December 22


चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने आज गुरूवार को पुलिस कर्मचारियों की नई तबादला नीति जारी कर दी है। नई तबादला नीति के मुताबिक अब एसएचओ तथा मुंशी एक थाने में अधिक से अधिक तीन साल तथा कांस्टेबल और हैड कांस्टेबल पांच वर्ष तक तैनात रह सकेंगे।

नशे की समस्या से जूझ रही सरकार के सामने आये तथ्यों के बाद ऐसे फैसले लेने को मजबूर होना पड़ा। नशे के मामले में तस्करों तथा मौत के सौदागरों से साठगांठ सामने आई है तथा अधिकारी और कर्मचारियों को निलंबित तक करना पड़ा। ऐसा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिह के निर्देश पर पुलिस के कामकाज में पारदर्शिता लाने तथा निचले रैंक के कर्मचारियों के कथित गठजोड़ को तोड़ने के लिये किया गया है।

नई नीति के तहत यह भी फैसला किया गया है कि कोई भी थाना प्रभारी एसएचओ अपने गृह उप मंडल में तैनात नहीं किया जायेगा। प्रवक्ता के अनुसार अपराधियों तथा निचले रैंक के कर्मियों की साठगांठ की मिली शिकायतें को गंभीरता से लेते हुये पुलिस महानिदेशक सुरेश अरोड़ा को नयी तबादला नीति बनाने को कहा था।

नई तबादला नीति में व्यवस्था की गई है कि आपराधिक मामला दर्ज होने के बाद निचले स्तर का कोई भी पुलिसकर्मी उस जिले में तैनात नहीं रहेगा।रेंज के आई.जी./डी.आई.जी. तुरंत उसे रेंज के किसी अन्य जिले में तैनात करेंगे।नई नीति के अनुसार किसी पुलिस थाने के एसएचओ इंचार्ज का न्यूनतम सेवाकाल एक साल होगा।

एसएचओ के लिए सब-इंस्पेक्टर पद की तैनाती की स्वीकृति दी गई है, वहीं रेगुलर सब-इंस्पेक्टर से कम रैंक का अधिकारी एसएचओ के तौर पर तैनात नहीं किया जायेगा। जहां एसएचओ के लिए इंस्पेक्टर का पद स्वीकृत किया हुआ है, वहां रेगुलर इंस्पेक्टर रैंक से नीचे के अधिकारी को एसएचओ के तौर पर तैनात किया जायेगा।

नई नीति के अनुसार एम.एच.सी. /ए.एम.एच.सी. (मुंशी /अतिरिक्त मुंशी) की तैनाती की मियाद एक पुलिस थाने में तीन साल होगी। उसके बाद अन्य पद के लिए उसका तबादला किया जायेगा। सीआईए इंचार्ज और स्पैशल स्टाफ के इंचार्ज की मियाद आम तौर पर एक साल होगी । इस नीति के अनुसार एक पुलिस थाने में तैनात अतिरिक्त रैंक (अपर सबॉर्डीनेट) की मियाद आम तौर पर तीन साल होगी जो सम्बन्धित एसएसपी /कमिशनर ऑफ पुलिस की तरफ से पाँच साल तक तक बढ़ाई जा सकती है। निचले रैंक के (कांस्टेबल और हैड कांस्टेबल) की तैनाती की एक पुलिस थाने में आम मियाद तीन साल होगी ।