कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी के नेतृत्व में पहली बार सीडब्ल्यूसी का गठन किया गया है, इसमें जनार्दन द्विवेदी को जगह नहीं मिली है
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी ने नई कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) का गठन किया है. इसमें नए और पुराने नेताओं को शामिल किया गया है. सीडब्ल्यूसी पार्टी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली समिति है. नई कार्यकारिणी की गठन के साथ ही राहुल ने इसकी पहली बैठक 22 जुलाई को बुलाई है. इस कमेटी में कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और जनार्दन द्विवेदी जैसे दिग्गज नेताओं को जगह नहीं मिली है वहीं हरीश रावत को नई कमेटी में जगह दी गई है.
नई सीडब्ल्यूसी में 23 सदस्य, 18 स्थायी आमंत्रित सदस्य और 10 विशेष आमंत्रित सदस्य शामिल हैं. पार्टी अध्यक्ष पद संभालने के बाद राहुल गांधी ने पहली बार सीडब्ल्यूसी का गठन किया है.
सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह, मोतीलाल वोहरा, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे, एके एंटनी, अहमद पटेल और अंबिका सोनी सीडब्ल्यूसी के सदस्य बने रहेंगे. वहीं दिग्विजय सिंह, जनार्दन द्विेवेदी, सुशील कुमार शिंदे, मोहन प्रकाश, कमलनाथ और सीपी जोशी जैसे नेताओं को इससे बाहर कर दिया गया है.
पूर्व मुख्यमंत्री अशोल गहलोत, ओमेन चांडी, तरुण गोगोई, सिद्धरमैया और हरीश रावत को भी नई सीडब्ल्यूसी में जगह दी गई है. कांग्रेस नेता शीला दीक्षित, पी चिदंबरम, ज्योतिरादित्य सिंधिया, बालासाहेब थोरट और तारीक हमीद कर्रा स्थायी आमंत्रित सदस्य होंगे.
22 जुलाई को होने वाली बैठक ‘विस्तारित कार्यकारी समिति’ की बैठक होगी क्योंकि राहुल गांधी ने राज्यों के सभी अध्यक्षों और कांग्रेस विधानसभा के नेताओं को भी आमंत्रित किया है.
समिति को कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव से पहले भंग कर दिया गया था और पहले के पैनल को मार्च में संपन्न पार्टी के प्लेनरी सेशन तक एक स्टीयरिंग कमेटी में बदल दिया गया था. सीडब्ल्यूसी, जो पार्टी के सभी महत्वपूर्ण निर्णयों पर एक सलाहकार पैनल के रूप में कार्य करती है, मार्च में हुए पार्टी के प्लेनरी सेशन के बाद अस्तित्व में नहीं थी.