चंडीगढ़़।
सैक्टर 22-सी में श्री सत्य नारायण मंदिर परिसर में मंदिर द्वारा चलाई जा रही धर्मशाला को नगर निगम ने 20 लाख रुपए से अधिक प्रॉपर्टी टैक्स जमा कराने का नोटिस थमा दिया है, जिस पर चंडीगढ़ की सभी धार्मिक संस्थाओं ने कड़ा विरोध जताया है। आज हिंदू पर्व महा सभा, जो चंडीगढ़ के सभी मंदिरों एवं हिंदू संस्थाओं का प्रतिनिधित्व करती है, की मीटिंग बुलाई गई जिसमें नगर निगम के इस निर्णय पर रोश प्रकट किया गया।
हिंदू पर्व महा सभा के अध्यक्ष बी.पी. अरोड़ा ने कहा कि इस प्रकार की धर्मशालाओं को तो बल्कि प्रशासन द्वारा प्रोत्साहन मिलना चाहिए क्योंकि ये लोगों की धार्मिक एवं सामाजिक आवश्यकताओं को न्यूनतम मूल्य पर पूरा करती हैं। सैक्टर 38-वैस्ट की सनातन धर्म मंदिर सभा एवं हिंदू पर्व महा सभा के कानूनी सलाहकार पंकज गुप्ता के अनुसार धर्मशाला पर प्रॉपर्टी टैक्स लगाना प्रथम दृष्टया ही अनुचित है क्योंकि प्रॉपर्टी टैक्स केवल कमर्शियल, इंडस्ट्रियल, इंस्टिट्यूशनल या रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी पर ही लगाया जा सकता है।
श्री सत्य नारायण मंदिर सभा, सैक्टर 22-सी के चेयरमैन कैलाश जैन ने कहा की धर्मशाला चैरिटेबल रूप में नो प्रॉफिट नो लॉस आधार पर चलाई जाती है और इस पर नगर निगम द्वारा प्रॉपर्टी टैक्स लगाना सर्वथा अनुचित है। मंदिर सभा के अध्यक्ष गिरधारी लाल मित्तल के अनुसार धर्मशाला के खर्चे लोगों द्वारा दिए गए दान से ही चलते हैं और ऐसे में नगर निगम की 20 लाख रुपए की प्रॉपर्टी टैक्स की मांग पूरी तरह गलत है।
हिंदू पर्व महा सभा के महा-सचिव कमलेश सूरी ने बताया की मीटिंग में सर्व सम्मति से यह फैसला लिया गया कि एक प्रतिनिधि-मंडल चंडीगढ़ प्रशासन एवं नगर निगम के उच्च अधिकारियों से इस संबंध में मुलाकात करेगा और यदि आवश्यक हुआ तो सभी मंदिरों एवं हिंदू संस्थाओं द्वारा सामूहिक रुप से कड़ा विरोध प्रदर्शन भी किया जाएगा।